कुमाऊं का सबसे बड़ा महाविद्यालय एमबीपीजी कालेज लोकसभा चुनाव की तैयारियों का केंद्र बन चुका है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद महाविद्यालय परिसर में हलचल बढ़ गई है। कालेज मैदान का प्रयोग वाहनों की पार्किंग और भोजन व्यवस्था के लिए किया जा रहा है। महाविद्यालय के संगीत विभाग के तल को विधानसभा क्षेत्र के अनुसार विभाजित किया गया है।
कुमाऊं का सबसे बड़ा महाविद्यालय एमबीपीजी कालेज लोकसभा चुनाव की तैयारियों का केंद्र बन चुका है। शिक्षा के मंदिर से नैनीताल जिले में चुनावी महापर्व संचालित किया जा रहा है। महाविद्यालय के लोक संस्कृति संग्रहालय में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और संस्कारों की छांव में मुख्य कार्यालय स्थापित है। वहीं, अन्य विभागीय कक्ष महापर्व की अलग-अलग व्यवस्थाओं के लिए चयनित हैं। यहां आदेश तैयार करने और योजनाओं को अंतिम रूप देने का काम होने लगा है।
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लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद महाविद्यालय परिसर में हलचल बढ़ गई है। वाणिज्य संकाय के भवन के भूतल में मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति कक्ष, कंट्रोल रूम, सामग्री कक्ष, अधिकारी कक्ष आदि महत्वपूर्ण कार्यालयों का निर्माण किया गया है, जबकि प्रथम तल में चुनावी गतिविधियां हो रही हैं।
वहीं, लोक संस्कृति संग्रहालय मुख्य कार्यालय बनाया गया है। एलबीएस सभागार को मतदान अधिकारी और कर्मचारी प्रशिक्षण के लिए तैयार किया गया है। कालेज मैदान का प्रयोग वाहनों की पार्किंग और भोजन व्यवस्था के लिए किया जा रहा है।
परीक्षा कक्ष में कर्मियों के स्वास्थ्य का परीक्षण :
परीक्षा कक्ष में स्वास्थ्य कारणों से चुनाव ड्यूटी करने में अक्षम होने का प्रार्थना पत्र देने वाले कर्मचारियों की जांच कराई जा रही है। बुधवार को यहां डाक्टरों ने आवेदकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। ऐसे में दिनभर लाइन लगी रही।
शिक्षा शास्त्र विभाग में ईवीएम-वीवीपैट की शिक्षा
एमबीपीजी कालेज में ही मतदान कर्मचारियों को ईवीएम और वीवीपैट का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रथम तल में प्रशिक्षण के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीनें रखी गई हैं। वहीं भूतल में कर्मचारियों को इन मशीनों की शिक्षा दी जा रही है।
संगीत प्रयोगशाला में ईवीएम-वीवीपैट की सुरक्षा
महाविद्यालय के संगीत विभाग के तल को विधानसभा क्षेत्र के अनुसार विभाजित किया गया है। संगीत विभाग प्रयोगशाला सहित अन्य कक्षों में मतदान के बाद ईवीएम और वीवीपैट को कड़ी सुरक्षा और सीसीटीवी की निगरानी में रखा जाएगा। यहां मशीनें रखने के लिए प्रशासन ने रैक का निर्माण कराएगा।