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शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से 6 मई को डोली होगी रवाना
विश् वनाथ मंदिर में होगा अतिरिक्त रात्रि प्रवास,
रुद्रप्रयाग। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल आंेकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। भगवान केदारनाथ के कपाट 10 मई को अमृत बेला पर प्रातः 7 बजे वृष लगन में ग्रीष्मकाल के लिए विधि-विधान से खोले जाएंगे, जबकि केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा 5 मई को शीतकालीन गद्दी आंेकारेश्वर मन्दिर में संपंन होगी तथा 6 मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर से कैलाश के लिए रवाना होगी। इस बार भी भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली का विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी में अतिरिक्त रात्रि प्रवास होगा।
महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल आंेकारेश्वर मन्दिर में मन्दिर समिति के पदाधिकारियों, अधिकारियों, विद्वान आचार्यों व हक-हकूधारियों की मौजूदगी में घोषित तिथि के अनुसार 5 मई को भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल आंेकारेश्वर मन्दिर में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा अर्चना विधि विधान से संपंन की जायेगी। लोक मान्यताओं के अनुसार भैरव पूजन के बाद भैरवनाथ केदारपुरी को रवाना हो जाते हैं। 6 मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर से भक्तों के जयकारों व आर्मी की बैंड धुनों के साथ कैलाश के लिए रवाना होगी तथा विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 7 मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर नाला, नारायण कोटी, मैखण्डा यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंचेगी। 8 मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली फाटा से रवाना होकर शेरसी, बड़ासू रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौरीमाई मन्दिर गौरीकुण्ड पहुंचेगी तथा 9 मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गौरीकुंड से रवाना होकर जंगलचट्टी, भीमबली, लिनचोली होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचकर भंडार गृह में विराजमान होगी तथा 10 मई को प्रातः 7 बजे वृष लगन में भगवान केदारनाथ के कपाट विधि-विधान व जय शंकर जय केदार के उदघोष के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायंेगें। इस मौके पर रावल भीमाशंकर लिंग, मन्दिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, राज्य मंत्री चंडी प्रसाद भटट्, पूर्व विधायक मनोज रावत, मन्दिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार, सदस्य बीरेन्द्र असवाल, निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, पूर्व अध्यक्ष रीता पुष्वाण, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, व्यापार मण्डल अध्यक्ष राजीव भटट्, प्रधान सन्दीप पुष्वाण, कार्यधिकारी आरसी तिवारी, पूर्व कार्यधिकारी अनिल शर्मा, राजकुमार नौटियाल, कुशाल सिंह नेगी, यदुवीर पुष्वाण, देवानन्द गैरोला, स्वयम्बर सेमवाल, यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी, प्रकाश पुरोहित, नवीन मैठाणी, बिक्रम रावत, डीएस भुजवाण, रमेश नेगी, सहित मन्दिर समिति पदाधिकारी, अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि, विद्वान आचार्य, हक-हकूकधारी सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियों में जुटा बीकेटीसीः डा. गौड
रूद्रप्रयाग। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि आज ही भगवान केदार नाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति के पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान करने का कार्यक्रम भी घोषित किया गया। कार्यक्रम के अनुसार 5 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरवनाथ जी की पूजा संपन्न होगी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। 6 मई को प्रथम पड़ाव गुप्तकाशी 7 को द्वितीय पड़ाव फाटा 8 मई को तृतीय पड़ाव गौरीकुंड तथा 9 मई शाम को पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी। तथा शुक्रवार 10 मई प्रात-7 बजे सुबह श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे। श्री केदारनाथ द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर मंदिर लिए पुजारीगणों को कार्य दायित्व दिया गया। श्री केदारनाथ धाम के लिए शिवशंकर लिंग पूजा का दायित्व संभालेंगे।

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