2 जनवरी 2024, देहरादून
केंद्र सरकार के हिट एंड रन कानून के विरोध में थिथौला स्थित आईओसी, एचपी और भारत गैस के सभी चालक चक्का जाम कर हड़ताल पर रहे। तीनों डिपो के चालकों के हड़ताल पर रहने से गढ़वाल मंडल में तेल और गैस का संकट गहराने का खतरा मंडराने लगा है।
थिथौला स्थित इंडियन ऑयल कारपोरेशन में 150 से ज्यादा गाड़ियां गढ़वाल मंडल में पेट्रोल, डीजल और कैरोसिन की सप्लाई करती है। इसी के बराबर में हिंदुस्तान पेट्रोलियम में भी करीब 100 गाड़ियां राज्य में डीजल, पेट्रोल और कैरोसिन की सप्लाई करती है। थिथौला में भारत गैस का डिपो है। यहां पर भी करीब 100 गाड़ियां राज्य में एलपीजी की सप्लाई करती हैं।
तीनों डिपो के चालक हिट एंड रन कानून के विरोध में चक्का जाम कर हड़ताल पर चले गए हैं। चालकों का कहना है कि जब तक केंद्र सरकार इस नए कानून को रद्द करने का एलान नहीं करती, वह काम पर नहीं लौटेंगे।
आईओसी डिपो के टीएम किशोर रावत का कहना है कि चालक बिना लेटर दिए ही हड़ताल पर गए हैं। चालकों को पहले इस संबंध में लेटर देना चाहिए था।
नए कानून के विरोध में प्रदर्शन करने वाले चालकों में इकराम, नौशाद, मुसर्रत, सद्दाम, साजिद, नूर मोहम्मद, समून, भूरा, ताजीम, मुजीब, सोनू, रिजवान, अहमद हसन, शकील आदि शामिल रहे।
हड़ताल के कारण गढ़वाल में तेल और गैस की किल्लत
चालकों की हड़ताल के कारण गढ़वाल में तेल और गैस की किल्लत शुरू हो गई है। पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल, डीजल और कैरोसिन की कमी हो गई है। एलपीजी सिलेंडर भी नहीं मिल रहे हैं।
चालकों का कहना है कि हिट एंड रन कानून बहुत ही कठोर है। इस कानून के तहत चालक को 10 साल की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। चालकों का कहना है कि यह कानून बहुत ही अनुचित है।
सरकार के सामने चालकों की मांगें
चालकों ने सरकार के सामने निम्नलिखित मांगें रखी हैं:
हिट एंड रन कानून को रद्द किया जाए।
चालकों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
चालकों को उचित वेतन और सुविधाएं प्रदान की जाएं।
सरकार को इन मांगों पर विचार करना होगा। अन्यथा, चालकों की हड़ताल जारी रहने से गढ़वाल में तेल और गैस का संकट और भी गहरा सकता है।