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जानकी मंदिर के महंत रामरोशन दास वैष्णव ने बताया कि 18 जनवरी से शुरू होने वाली यात्रा 20 जनवरी को अयोध्या में समाप्त होगी। उसी दिन स्मृति चिन्ह श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिए जाएंगे।

नेपाल अगले महीने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिए विभिन्न प्रकार के आभूषण, बर्तन, कपड़े और मिठाइयों से युक्त विशेष स्मृति चिह्न भेजेगा। देश के एक अखबार की खबर में यह जानकारी दी गई है। ’माई रिपब्लिका’ अखबार की खबर के मुताबिक स्मृति चिह्न देने के लिए जनकपुरधाम-अयोध्याधाम यात्रा आयोजित की जाएगी। जानकी मंदिर के संयुक्त महंत राम रोशन दास वैष्णव ने बताया कि 18 जनवरी से शुरू होने वाली यात्रा 20 जनवरी को अयोध्या में समाप्त होगी। उसी दिन स्मृति चिन्ह श्री राम जन्मभूमि राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दिए जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा।

जनकपुरधाम से यात्रा जलेश्वर नाथ, मलंगवा, सिमरौनगढ़, गढीमाई, बीरगंज होते हुए बेतिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर होते हुए उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचेगी। खबर में कहा गया है कि इससे पहले नेपाल में कालीगंडकी नदी के तट से एकत्र किए गए शालिग्राम पत्थरों को भगवान राम की प्रतिमा बनाने के लिए अयोध्या भेजा गया था, जिन्हें उद्घाटन के दिन मंदिर में स्थापित किया जाएगा।

इससे पहले भगवान श्रीराम के ससुराल नेपाल में जनकपुर स्थित जानकी मंदिर के महंत को अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया था। राम रोशन दास ने बताया कि शुक्रवार देर शाम निमंत्रण मिला। इसके बाद वैदिक संस्कृति का पालन करते हुए तैयारियां की जा रही हैं। दास ने कहा कि मिथिला और अयोध्या का अनोखा रिश्ता है। हमने वहां जाने की तैयारी शुरू कर दी है। हम ‘भार’ को भी अयोध्या ले जाएंगे। हम 22 से 24 जनवरी तक हर्षोल्लास और उत्सव के साथ अयोध्या में रहेंगे।

त्रेता युग में जिस तरह रावण का वध कर लंका से भगवान राम पुष्पक विमान से वापस लौटे थे, कुछ ऐसा ही दिव्य नजारा 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या में देखने को मिलेगा। इस भव्य आयोजन के दिन देश-विदेश से 100 से अधिक विमानों से विशिष्ट मेहमानों के अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की संभावना है। इनके अलावा वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में भी वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं।

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