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खबर हरिद्वार से जहाँ भूपतवाला स्थित नकलंक धाम में गुजरात के गांधीनगर से आए महामंडलेश्वर महंत मधुसूदन दास महाराज के संयोजन में संत सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि समाज को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देकर देश को धार्मिक व सांस्कृतिक रूप से एकजुट करना ही संत समाज का उद्देश्य है।


इतना ही नहीं उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को पर्व के रूप में मनाने का आह्वान करते हुए कहा कि पांच सौ वर्षो के संघर्ष और अनेक बलिदानों के बाद हिंदू समाज के लिए यह गौरवशाली अवसर आया है। इसलिए 22 जनवरी को अपने घरों में दीपों का प्रकाश कर दीपावली मनाएं और रामभजन करें।


वहीं महामंडलेश्वर महंत मधुसूदन दास महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर देश को आध्यात्मिक रूप से एकजुट करने में संत समाज ने हमेशा अहम भूमिका निभाई है। संत समाज के नेतृत्व में हिंदू समाज के अटूट संघर्ष के बाद अयोध्या में निर्मित हुआ भव्य राम मंदिर पूरी दुनिया को आध्यात्मिक रूप से आलोकित करेगा।

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रामानंदीय वैष्णव मंडल के अध्यक्ष महंत नारायण दास पटवारी ने कहा कि धर्म व सेवा की प्रतिमूर्ति महामंडलेश्वर महंत मधुसूदन दास महाराज द्वारा धर्म प्रचार के साथ शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है। इस अवसर पर महंत प्रेमदास, महंत प्रमोद दास, महंत ईश्वर दास, महंत दुर्गादास, महंत श्यामचरण दास, महंत विमलदास बापू, महंत राघवेंद्र दास, महंत निर्भय सिंह, महंत गोविंददास, महंत जगदीश दास आदि मौजूद रहे।

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