सुरंग का निर्माण पूरा होने से मसूरी से कैंपटी की दूरी साढ़े चार किमी कम रह जाएगी। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि पर्यटन सीजन में हाथी पांव रोड पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी।
मसूरी को जाम से निजात दिलाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने सुरंग निर्माण की तैयारी पूरी कर ली। लेकिन, वन विभाग का क्लियरेंस नहीं मिलने से योजना अभी परवान नहीं चढ़ पाई। यह सुरंग हाथी पांव रोड पर 4.5 किलोमीटर लंबाई में बननी है। इसके लिए करीब 1300 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।सुरंग का निर्माण पूरा होने से मसूरी से कैंपटी की दूरी साढ़े चार किमी कम रह जाएगी। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि पर्यटन सीजन में हाथी पांव रोड पर लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि मसूरी के हाथी पांव में प्रस्तावित सुरंग जल्दी बननी चाहिए। कहा, सुरंग बनने से कैंपटी, धनोल्टी, उत्तरकाशी, यमुनोत्री, टिहरी सहित मसूरी आने वाले पर्यटकों को जाम में जूझना नहीं पड़ेगा।सुरंग निर्माण के लिए वन विभाग से क्लियरेंस नहीं मिला है। जंगल के मामले में मसूरी संवेदनशील क्षेत्र है। यहां हर पहलू को बारीकी से देखा जा रहा है।
टनल का एंट्री प्वाइंट कार्ट मैकेंजी रोड आईटीबीपी रॉक टेंपल के आसपास प्रस्तावित है। यह कैंपटी रोड पर एनएच-707ए छतरी बैंड के आसपास तक बनाई जाएगी। पूरा प्रोजेक्ट नौ किलोमीटर का है, जिसमें साढ़े चार किमी सुरंग होगी और साढ़े चार किमी की फोरलेन की सड़क बनाई जाएगी। कार्य पूरा होने के बाद मसूरी आने और यमुनोत्री धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को जाम नहीं मिलेगा।
मसूरी के पर्यावरणविद विपिन कुमार गुप्ता ने बताया कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सुरंग बनने से जलस्रोतों पर असर पड़ेगा लेकिन ऐसा नहीं है। कहा, सुरंग बनाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऑगर जैसी मशीन जलस्रोतों को बिना नुकसान पहुंचाए सुरंग बनाने की क्षमता रखती है। गुप्ता ने बताया कि लाइमस्टोन की रॉक को बिना डिस्टर्ब किए सुरंग बनेगी तो जलस्रोतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।