Uttarakhand News- ऑपरेशन सिलक्यारा (Operation Silkyara) को मकाम तक पहुंचाने वाली रैट माइनर्स (Rat Miners) की टीम इससे पहले देहरादून (Dehradun) में भी खोदाई कर चुकी है। बता दे की ये टीम खदानों के बदले ज्यादातर सीवर का ही काम करती है। साथ ही वही सिलक्यारा (Silkyara) में मजदूरों के बचाव अभियान को पूरा करके देशभर में छाने वाली रैट माइनर्स (Rat Miners) की टीम के सदस्य मुन्ना कुरैशी (Munna Qureshi) ने अमर उजाला से खास बातचीत में बताया कि चूहे की भांति खोदाई का उनका यह कोई पुश्तैनी काम नहीं है।
साथ ही वही आपको बता दें कि इसके अलावा उन्होंने सीवर लाइन (Sewer Line) का काम करते हुए ये काम सीखा है। बताया कि, कई साल पहले वे देहरादून (Dehradun) आए थे। यहां उनकी टीम ने घंटाघर (Bell Tower) और आसपास के इलाके में सीवर लाइन (Sewer Line) बिछाने का काम इसी तकनीक से किया था। जमीन के भीतर ही भीतर खोदाई की और सीवर लाइन (Sewer Line) डाल दी। मुन्ना (Munna) ने बताया कि उनका ये कोई खानदानी काम नहीं है, बल्कि सीवर (Sewer) और पेयजल लाइन (Drinking Water Line) के काम के दौरान उन्होंने ये खोदाई सीखी है।
वहीं, इसके अलावा मुन्ना (Munna) इस बात से भी दुखी हैं कि जो कंपनियां उन्हें सीवर लाइन (Sewer Line) का ठेका देती हैं, वे उनका पूरा भुगतान नहीं करती हैं। कई बार तो महीनों काम कराने के बाद केवल लेबर का खर्च देकर टाल देती हैं। कई बार सीवर लाइन (Sewer Line) बिछाने के बाद अगर वह थोड़ा भी ऊपर-नीचे हो गई तो भुगतान नहीं मिलता।
साथ ही वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि मुन्ना (Munna) से जब प्रदेश सरकार (State Government) के 50-50 हजार रुपये के इनाम पर सवाल किया गया तो मुन्ना (Munna) ने कहा कि, इनाम से बड़ी बात ये है कि उत्तराखंड (Uttarakhand) के Chief Minister Pushkar Singh Dhami और जनता ने उनके कंधे पर हाथ रख दिया और कहा कि जब भी कभी देश की सेवा करने का मौका मिलेगा तो उनकी निजी रॉकवेल कंपनी (Rockwell Company) की टीम हमेशा तत्पर रहेगी।
देख-देख कर सीखे काम
वहीं, मुन्ना (Munna) ने बताया उन्हें किसी ने इस काम का प्रशिक्षण नहीं दिया है। उनकी पूरी टीम दूसरों के साथ काम करते-करते खुद ही खोदाई सीख गई है। उन्होंने कभी कोयला या खनिज खदानों में काम नहीं किया। उनके लिए खोदाई का मतलब सीवर लाइन (Sewer Line) को आगे बढ़ाना है।