IMA आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) के 21 कैडेट ग्रेजुएट होकर भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। शनिवार को अकादमी के चेटवुड सभागार में आयोजित एसीसी के 122 वें दीक्षा समारोह में इन कैडेट को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री प्रदान की गई। अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा ने कैडेट को दीक्षित किया।
आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) के 21 कैडेट ग्रेजुएट होकर भारतीय सैन्य अकादमी की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। शनिवार को अकादमी के चेटवुड सभागार में आयोजित एसीसी के 122 वें दीक्षा समारोह में इन कैडेट को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री प्रदान की गई।अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा ने कैडेट को दीक्षित किया। अब आइएमए में एक साल का प्रशिक्षण लेकर यह कैडेट बतौर अधिकारी सेना में शामिल होंगे। उपाधि पाने वालों में 12 कैडेट विज्ञान और नौ कैडेट कला वर्ग के हैं।कमांडेंट ने अफसर बनने की राह पर अग्रसर इन कैडेट के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कैडेट को याद दिलाया कि एसीसी ने देश को बड़ी संख्या में ऐसे जांबाज अफसर दिए हैं, जिन्होंने अपनी क्षमता के बूते कई वीरता पदक जीते। जिनमें न केवल आइएमए का प्रतिष्ठित स्वार्ड आफ आनर बल्कि असाधारण साहस व बलिदान के लिए मिलने वाले परमवीर चक्र व अशोक चक्र जैसे वीरता पदक भी शामिल हैं।एसीसी के कई कैडेट सेना में उच्च पदों पर आसीन हुए हैं। उन्होंने कहा कि उपाधि पाने वाले कैडेट की जिंदगी का यह एक अहम पड़ाव है। देश की आन, बान और शान बनाए रखने की जिम्मेदारी अब उनके हाथों में होगी।कहा कि चरित्र, आत्म अनुशासन, साहस, प्रेरणा, सकारात्मक दृष्टिकोण और पेशेवर क्षमता सफल नेता के स्तंभ हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट को बधाई देते हुए कहा कि वह अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखें। इससे पहले एसीसी के प्रधानाचार्य डा. नवीन कुमार ने कॉलेज की प्रगति रिपोर्ट पेश की।
एसीसी की नींव दि किचनर कॉलेज के रूप में वर्ष 1929 में तत्कालीन फील्ड मार्शल बिडवुड ने मध्य प्रदेश के नौगांव में रखी थी। 16 मई 1960 में किचनर कॉलेज आर्मी कैडेट कॉलेज के रूप में कार्य करने लगा, जिसका उद्घाटन तत्कालीन रक्षा मंत्री वीके कृष्णा व जनरल केएस थिमैया ने किया था।यहां से पहला दीक्षा समारोह 10 फरवरी 1961 को हुआ। वर्ष 1977 में एसीसी को भारतीय सैन्य अकादमी से अटैच कर दिया गया। वर्ष 2006 में कॉलेज आइएमए का अभिन्न अंग बन गया। कॉलेज सैनिकों को अधिकारी बनने का मौका देता है।
इन्हें मिला पुरस्कार
चीफ आफ आर्मी स्टाफ मेडल
स्वर्ण-राहुल कुमार सिकरवार (ग्वालियर, मप्र) l
रजत- करमपाल सिंह (गुरदासपुर, पंजाब) l
कांस्य- सूरज शिवाजी पाटिल (कोल्हापुर, महाराष्ट्र)
कमांडेंट सिल्वर मेडल l सर्विस ट्रेनिंग-करमपाल सिंह (गुरदासपुर, पंजाब) l
कला- राहुल सिंह सिकरवार (ग्वालियर, मप्र) l
विज्ञान- अंकित श्योकंद (कैथल, हरियाणा) l कमान्डेंट बैनर-बोगरा कंपनी