एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फलस्तीन को लेकर व्यक्त किए गए भारत के रुख की तारीफ की। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भारत द्वारा फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता जारी रखने के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के बयान का स्वागत किया। पवार ने कहा कि इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर मेरी टिप्पणियों की आलोचना करने वाले बीजेपी नेता राजा से भी ज्यादा वफादार हैं।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार (20 अक्टूबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फलस्तीन को लेकर व्यक्त किए गए भारत के रुख की तारीफ की। पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भारत द्वारा फलस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता जारी रखने के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के बयान का स्वागत किया। पवार ने कहा कि इजराइल-फलस्तीन मुद्दे पर मेरी टिप्पणियों की आलोचना करने वाले बीजेपी नेता “राजा से भी ज्यादा वफादार” हैं।दरअसल, इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शरद पवार पर उनके बयान को लेकर टिप्पणियां की थीं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक शरद पवार ने एक्स पर कहा, “ये बयान जवाहरलाल नेहरु और अटल बिहारी वाजयेपी सहित अन्य प्रधानमंत्रियों द्वारा मानी गई उस नीति के समान है, जिसमें इजरायल और फलस्तीन के बीच सालों से चल रहे विवाद के शांतिपूर्ण हल की उम्मीद की जाती रही है।”
पवार ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, देवेंद्र फडणवीस जैसे बीजेपी नेता मेरे बयान को समझे बिना जिस तरह के विचार व्यक्त करते आ रहे हैं, उन्हें अब समझ में आ जाना चाहिए कि किसी संवेदनशील मुद्दे पर राष्ट्र की नीति कैसी होनी चाहिए। पवार ने एक अंग्रेजी मुहावरे का जिक्र करते हुए व्यंग्य किया कि ये नेता ‘राजा से ज्यादा वफादार’ की नीति पर चलते दिखाई दे रहे हैं।
पवार ने कहा कि विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति से स्पष्ट हो गया है कि भारत हमेशा से फलस्तीन के साथ खड़ा रहा है और हम आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे। लेकिन हम ऐसे किसी भी संगठन के खिलाफ हैं, जो आतंकवाद फैला रहा हो। बता दें कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार को सलाह दी थी कि उन्हें वोट बैंक की चिंता किए बिना आतंकवाद की निंदा करनी चाहिए। वहीं, एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने एक्स पर कहा कि अब जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर फलस्तीन को अपना समर्थन दिया है तो पीयूष गोयल और हिमंत बिस्वा सरमा को शरद पवार और सुप्रिया सुले से उनके खिलाफ की गईं आपमानजनक टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वे माफी नहीं मांगते हैं तो यह माना जाएगा कि दोनों प्रधानमंत्री के बारे में भी उसी तरह सोचते हैं, जैसी टिप्पणियां उन्होंने शरद पवार और सुप्रिया सुले के खिलाफ की थीं। भाजपा नेता पीयूष गोयल और सरमा ने इजरायल में हमास की घुसपैठ के मद्देनजर दशकों पुराने फलस्तीन मुद्दे पर केंद्र के रुख की आलोचना करने वाली पवार की टिप्पणियों पर उनकी आलोचना की थी।