एक देश जहां हर एक मिनट में होती है एक हत्या। सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा है न, लेकिन यही सच है। आज तक आपने देश के कई खुंखार गैंग्स के बारे में सुना होगा। आपने दाऊद, छोटा राजन, छोटा शकील, जैसे नाम बहुत बार सुने होंगे लेकिन आज हम आपको बताएंगे दो ऐसे गैंग्स के बारे में जिनके लोगों को आप देखते ही पहचान जाएंगे। सेंट्रल अमेरिका में मौजूद एक अलग और छोटा सा देश जिसका नाम है एल साल्वाडोर। यहां दो खतरनाक गैंग्स का खौफ चलता है। एक है मारा सलवाट्रूचा और दूसरे का नाम 18 स्ट्रीट गैंग है। ये दो गैंग दुनिया के सबसे खतरनाक गैंग माने जाते हैं। अपराध ऐसे कि सुनकर रुंह कांप जाए। खुद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन गैंग्स को सबसे खौफनाक बताया था।
ये दोनों गैंग्स है तो अलग-अलग, लेकिन इन दोनों गैग्स की एक बात एकदम एक जैसी है। आप इन गैंग्स के लोगों को देखते ही पहचान जाएंगे और वजह है इनके शरीर में गुदे टैटू। इनके पूरा शरीर टैटू से भरा हुआ होता है। जितना खुंखार अपराधी उतने ज्यादा टैटू। स्थानीय लोगों में अपना दबदबा बनाए रखने के लिए ये दो गैंग्स ज्यादा से ज्यादा मर्डर करते हैं और फिर उतने ही टैटू अपने शरीर में गुदवाते हैं।
सबसे पहले जान लीजिए मारा सलवाटूचा गैंग के बारे में जिसे एमएस-13 के नामा से जाना जाता है। साल 1980 में कैलिफोर्निया के लॉस एजेंलिस में इस गैंग की शुरुआत हुई थी और फिर बेहद खतरनाक अपराधी इस गैंग से जुड़ते चले गए। खौफनाक हत्याओं के अलावा रेप, लड़कियों से बर्बरता, ड्रग, मानव तस्करी, हथियारों की तस्करी, अवैध अप्रवास, लूट, चोरी, हत्या, वेश्यावृत्ति और मारपीट जैसे तमाम अपराध इस गैंग की लिस्ट में शामिल हैं। अमेरिका भी इस गैंग से खौफ खाता है। पिछले 50 सालों में ये गैंग पूरी दुनिया में फैल चुका है और एक बड़ा क्राइम सिंडिकेट बन चुका है। इस गैंग में दुनिया भर से करीब 50 अपराधी जुड़े हुए हैं। ज्यादातर अपराधी ग्वाटेमाल, साल्वाडोर और मैक्सिको मूल के हैं। इस गैंग के एक अपराधी विल्मर सेगोविया उसके अपराधों के लिए 1 हजार 310 साल की सजा सुनाई गई। इसके अपराधों की लंबी लिस्ट में कुल 33 हत्याएं, नौ हत्या की साजिश और कई और संगीन अपराध शामिल थे।
एमएस 13 के अलावा यहां का दूसरा बड़ा गैंग है 18 स्ट्रीट गैंग जिसे बारिओ 18 गैंग के नाम से भी जाना जाता है। इस गैंग में भी दुनिया भर के लोग जुडे हुए हैं। खतरनाक हथियार और टैटू इनकी भी पहचान है। इस गैंग में करीब 20 हजार अपराधी जुड़े हुए हैं। इस गैंग की शुरूआत एमएस 13 से पहले साल 1960 में हुई थी। इस गैंग के ताल्लुक मेक्सिको माफिया से भी जुड़े हुए हैं। इस गैंग का सबसे बड़ा धंधा कोकेन और मैरिजुएना की तस्करी करना है और इसलिए ये मेक्सिको के ड्रग माफियाओं से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा कई बड़ी रॉबरी में इस गैंग का नाम शामिल हो चुका है। इन गैंग्स कैदियों के लिए यहां एक अलग जेल भी मौजूद है। इस जेल का नाम पैनल दी सिउदाद बर्रिओस है। इस जेल में बंद कैदी इतने खतरनाक है कि जेल के अंदर पुलिस वाले भी जाने से डरते हैं। फिलहाल इस जेल में इन दोनो गैंग्स के 2600 क्रिमिनल्स मौजूद है। हालांकि जेल में सिर्फ 800 कैदियों के रहने की जगह है। जेल के बाहर आर्मी को पहरा देना पड़ता है।