Doon Prime News
uttarakhand dehradun

उत्तराखंड में तूफान और बारिश से बढ़ी ठंड, पछवादून में निकले गर्म कपड़े; चकराता में जल्दी ही होगी बर्फबारी। जानिए पूरी खबर।

उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। चकराता में सोमवार की वर्षा से पारा लुढ़कने पर चकराता क्षेत्र में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। स्थानीय दुकानों व घरों में लोग अंगीठी तापते नजर आए। बाजार में ग्राहक न होने पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग ठंड से कांपते दिखाई दिए। अभी से ही लोगों को जनवरी जैसी ठंड का अहसास हो रहा है।

पछवादून व जौनसार बावर में तूफान व वर्षा से ठंड बढ़ गई है। ठंड से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। घरों में कंबल निकल गए। वहीं मैदानी व तराई क्षेत्र में धान व गन्ने की फसल को हवा से नुकसान हुआ। सोमवार सुबह से ही मौसम का मिजाज बदला हुआ था। करीब दस बजे तेज हवाएं शुरू हो गई। जिसके बाद वर्षा शुरू होने पर तापमान में गिरावट आने पर ठंड बढ़ गई। लोगों ने ठंड से बचाव को अपने गर्म कपड़े निकाले। तेज हवा के कारण धान की फसलें गिर गई। जिन खेतों में किसानों ने धान काटकर छोड़ा हुआ था। धान भीगने के कारण टूटने का खतरा बढ़ जाता है। किसान पूरण सिंह, बालम राम, सरपंच संतोष शर्मा आदि का कहना है कि मैदानी क्षेत्र में तूफान व वर्षा से फसलों को नुकसान पहुंचा है। धान भीगने पर उसे सुखाने में ज्यादा समय लगेगा। वर्षा के कारण पछवादून में धान खरीद केंद्रों पर सोमवार को भी किसान धान बेचने नहीं पहुंचा। जिससे एक दर्जन धान खरीद केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा।

चकराता में सोमवार की वर्षा से पारा लुढ़कने पर चकराता क्षेत्र में कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। स्थानीय दुकानों व घरों में लोग अंगीठी तापते नजर आए। बाजार में ग्राहक न होने पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग ठंड से कांपते दिखाई दिए। मौसम के करवट बदलने से अक्टूबर माह में जनवरी जैसी ठंड का अहसास हो रहा है। चकराता व आसपास के क्षेत्र में कड़ाके की ठंड की वजह से लोगों को अलमारी में बंद मोटे ऊनी कपड़े निकालने पड़ गए। कड़ाके की ठंड बढ़ने की वजह से जल्द बर्फबारी के आसार भी बन गए हैं। चकराता व आसपास के क्षेत्रों में घाटियों ने कोहरे की चादर ओढ ली है। पर्वतराज हिमालय की चोटियों से आती बर्फीली हवाओं ने चकराता क्षेत्र के लोगों का बुरा हाल कर दिया है। बाजारों में अंगीठी, हीटर और अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है। चकराता ब्लाक में काम से आए ग्रामीण सुरेश सिंह, मदन सिंह, गुलाब सिंह, शेरु, दीवानी देवी, नीरू देवी, रुकमा देवी आदि का कहना है कि वर्षा में भीगने की वजह से उनके बीमार पड़ने की आशंका बढ़ गई है।

उम्मीद है कि इस वर्ष अच्छी बर्फबारी देखने को मिलेगी। अच्छी बर्फबारी होती है तो इससे स्थानीय कारोबार पर भी अच्छा असर होगा। सेब, आडू, खुमानी, पूलम व अन्य बागवानी के लिए बर्फबारी अमृत के समान होगी।कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी डा. संजय राठी ने बताया कि पश्चिमी विक्षोप के कारण चक्रवाती तूफान के साथ वर्षा पर्वतीय क्षेत्रों के लिए फायदेमंद है। जिन इलाकों में तोरियां, सरसों, मटर, सब्जियां बोई गई होगी, उसके लिए वर्षा फायदेमंद है। लेकिन मैदानी व तराई क्षेत्र में जहां पर धान व गन्ने की फसलें हैं, वहां पर नुकसान होगा।हवा चलने के कारण बासमती व सुगंधित धान व की फसलें गिर जाएगी। जिन्होंने अभी तक अपने गन्ने की फसल को बांधा नहीं होगा, उसके लिए भी तूफान व वर्षा नुकसान करने वाली होगी। गन्ने की फसल गिरने से किसान को नुकसान उठाना पड़ेगा। धान की फसल भीगने से पुआल खराब होने पर पशुचारे की समस्या भी गहरा जाएगी।

ऐसा ही मौसम चला तो चकराता क्षेत्र में जल्द ही बर्फबारी हो जाएगी। पिछले सीजन में अच्छी बर्फबारी नहीं हुई थी।

Related posts

देहरादून पुलिस द्वारा कोबरा गैंग के सदस्यों को अवैध मादक पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया

doonprimenews

Uttarakhand Breaking- उत्तराखंड में यहां बारिश ने ढाया कहर, मसूरी (Mussoorie) में यहां भारी बारिश के चलते पुस्ता हुआ दोस्त

doonprimenews

गोवा संकट के बाद उत्तराखंड में टूटी कांग्रेस,3नेताओं ने थामा आप का हाथ

doonprimenews

Leave a Comment