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देहरादून में शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में पूर्व की भांति मेरिट के आधार पर प्रवेश की मांग को लेकर DAV कॉलेज के बाहर सांकेतिक तालाबंदी की. इस दौरान DAV में छात्रों की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई.

कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष दयाल बिष्ट का कहना है कि एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेकों महाविद्यालय हैं. इन महाविद्यालयों में यूजीसी द्वारा जो प्रवेश परीक्षा CUET (Common University Entrance Test) कराई गई थी, इसकी जानकारी के अभाव में कई छात्र-छात्राएं परीक्षा नहीं दे पाए. इस कारण इन कॉलेजों में 25 प्रतिशत से अधिक एडमिशन नहीं हो पाए हैं.

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से पूर्व में मेरिट के आधार पर दाखिले हुआ करते थे, उसी प्रकार से अभी विश्वविद्यालय में दाखिले कराये जाएं. दयाल बिष्ट का कहना है कि जिन कॉलेजों में मात्र 15 सौ रुपए फीस के बदले ग्रेजुएशन हो जाती थी, आज उन्होंने CUET का पेपर नहीं दिया है. क्योंकि सरकार ने उन्हें नहीं बताया है कि CUET फॉर्म क्या होता है.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति अलग है. ऐसे में पर्वतीय जिलों में रह रहे छात्रों को यह नहीं पता है कि इस फॉर्म को कैसे भरना है. ऐसे में कई छात्र शिक्षा के अधिकार से वंचित रह जाएंगे. विद्यार्थी परिषद युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगी. छात्र संगठन ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र अमल नहीं किया गया, तो उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने DAV कॉलेज के बाहर नारेबाजी करते हुए कहा कि सरकार छात्रों के साथ नाइंसाफ़ी कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को पूर्व की भांति मेरिट के आधार पर प्रवेश प्रक्रिया बहाल करनी चाहिए.

पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को हटा दिया. पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कानून तोड़ा है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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