खबर गंगोत्री से पैदल कांवड़ लेकर वापस लौट रहे दिल्ली निवासी कांवड़िये की सुक्की टॉप के समीप अचानक तबीयत बिगड़ गई। उनके साथियों ने बिमार कांवड़िये को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया। जहां पर डॉक्टरों ने कांवड़िए को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार कांवड़िये की मौत हृदय गति रुकने से हुई है।
आपको बता दें की दिल्ली निवासी पैदल कांवड़ दल में शामिल एक कांवड़िये ने बताया कि उनका नौ सदस्यीय दल चार जुलाई को गंगोत्री से कांवड़ भरने के लिए रवाना हुए। पांच जुलाई को वह लोग गंगोत्री पहुंच गए थे। छह जुलाई को वह लोग गंगा जी से कांवड़ भर गंगोत्री से केदारनाथ के लिए पैदल रवाना हुए। शुक्रवार सुबह वह लोग सुक्की टॉप पहुंच गए थे। तभी अचानक उनके दल के सदस्य समी सिंह भोले उम्र 40 वर्ष निवासी मजनू का टीला, दिल्ली की अचानक तबीयत बिगड़ गई।
तबीयत बिगड़ी देख अन्य लोग समी सिंह को उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल ले गए। जहां पर से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अन्य कांवड़ियों ने जिला अस्पताल के शिव मंदिर में ही जलाभिषेक किया और अपने साथी का शव लेकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
वहीं उत्तरकाशी के जोशियाड़ा में गंगा घाट पर जल भरने गई एक महिला भागीरथी नदी के तेज बहाव में बह गई। महिला करीब किमी बह कर जोशियाड़ा बैराज की झील तक गई। जहां पर बोटिंग अभ्यास कर रहे एनडीआरएफ के जवानों ने महिला को नदी में बहता देखा। जवानों ने त्वरित कार्यवाही करते हुए महिला को झील से बाहर निकाला। लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर स्वजन के सुपुर्द कर दिया।
जानकारी के अनुसार बसंती देवी पत्नी जीत सिंह गुसाईं उम्र 45 वर्ष शुक्रवार सुबह जोशियाड़ा स्तिथ गंगा घाट पर जल भरने गई थी। तभी अचानक बसंती देवी का पैर फिसलने के कारण वह भागीरथी के तेज बहाव में बह गई। महिला एनडीआरएफ के जवानों को जोशियाड़ा बैराज में बहती हुई दिखी। जवानों ने महिला को झील से बाहर निकालकर पुलिस को सूचना दी।