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डीजल की कारें 4 साल बाद हो जाएंगी बंद सरकारी पैनल ने की हे सिफारिश इनको मिलेगी अहमियत

सरकार ग्रीन एनर्जी से चलने वाले वर्कर्स को बढ़ावा देने के लिए बहुत जल्द एक बड़ा फैसला लेने वाली है। जी हां क्योंकि हाल ही में एक सरकारी पैनल ने डीजल से चलने वाली चार विकल्प पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा है।

दिन-ब-दिन बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए भारत सरकार पिछले कुछ सालों से ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। आपको बता देगी इस क्रम में सरकार ने बीते 1 अप्रैल 2023 को देश में नए रियल ड्राइविंग इमेशन आरडी बी एस ई फेस टू नॉर्म्स को लागू कर दिया गया है। वहीं अब सरकारी पैनल ने 2027 तक डीजल की 4 व्हीलर वाहनों को पूरी तरह से बंद करने का प्रस्ताव भी सामने रखा है।
इलेक्ट्रॉनिक विकल्प और बायोफ्यूल से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने और देश में प्रदूषण कम करने और देश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए भारत सरकार ने पूर्व में कई बड़े फैसले लिए हैं। देश में 1 अप्रैल 2023 को न्यू रियल ड्राइविंग इमेशन आरडीबीएस फेस टू नियम लागू होने के बाद से कई डीजल कारों की छुट्टी कर दी गई है। इस नियम के लागू होने के बाद जिन कारों को ऑटो कंपनियों ने अपडेट नहीं किया उनका रोको भारत से बोरिया बिस्तर बटोर ना पड़ेगा।

बंद हो सकती है यह धांसू डीजल कारे भी
डीजल कारों पर खतरा मंडरा रहा है अगर अब सरकार इस नए प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो डीजल इंजन से चलने वाली टाटा सफारी हेयर टाटा अल्टरोज टाटा नेक्सन महिंद्रा एक्सयूवी 300 महिंद्रा बोलेरो नियो महिंद्रा बोलेरो जैसी कई बेहतरीन कारों का डीजल वैरीअंट बंद कर दिया जाएगा। 2030 तक बंद होने चाहिए डीजल बसें

नल ने तेल मंत्रालय की वेबसाइट पर पोस्ट किया जिसमें एक रिपोर्ट में कहा कि 2030 तक ऐसी सिटी बसें नहीं जोड़ी जानी चाहिए जो इलेक्ट्रिक नहीं है सिटी ट्रांसपोर्ट के लिए डीजल बसे 2024 से नहीं जोड़ी जाएंगी। हालांकि यह साफ नहीं है कि पेट्रोलियम मंत्रालय पूर्व तेल सचिव तरुण कपूर की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को लागू करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी लेगा या नहीं।

इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा

देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार को 31 मार्च से आगे के लिए फास्ट एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ़ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल स्कीम के तहत दिए गए प्रोत्साहन ओं के लिए लक्षित स्टार पर विचार करना चाहिए। फ्यूल गैस को बढ़ाकर 15 परसेंट करने का लक्ष्य

कि भारत में रिफाइंड इंधन की खपत लगभग 25 वां हिस्सा डीजल का है जिसका 80% परिवहन क्षेत्र इस्तेमाल किया जाता है। चैनलों ने कहा कि 2024 से केवल बिजली से चलने वाली शहरी वाहनों के नए पंजीकरण की अनुमति दी जाए। इसके अलावा पैनल ने कार्गो की आवाजाही के लिए रेलवे और गैस से चलने वाले ट्रकों का ज्यादा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। रेलवे नेटवर्क के 2 से 3 साल में पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होने की उम्मीद है। 30 तक फ्यूल गैस की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15 परसेंट तक करना है जो अभी 6. 2 परसेंट है .

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