खबर उत्तराखंड से जहाँ चारधाम यात्रा (Chardham yatra )में देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को अब अपनी स्थानीय भाषा में यात्रा से संबंधित जानकारी मिल सकेगी।जी हाँ,पहली बार स्वास्थ्य विभाग ने नौ भाषाओं में चारधाम यात्रा की मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
बता दें की बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद Chardham yatra की विधिवत शुरुआत हो गई है। देश के विभिन्न राज्यों से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने नौ भाषाओं में यात्रा को लेकर दिशा निर्देश की नई एसओपी जारी की है।
इसमें तमिल, उड़िया, कन्नड़, मराठी, बंगाली, पंजाबी, गुजराती, मलयालम, तेलगू भाषा में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
वहीं स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने एसओपी जारी करने के बाद बताया कि स्थानीय भाषाओं में chardham yatra के दिशा निर्देश जारी होने से यात्रियों को सुविधा मिलेगी। उन्होंने यात्रियों से अपील करते हुए कहा कि पूरी तैयारी के साथ यात्रा पर आएं। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। सुगम और सुरक्षित यात्रा के लिए अपने शरीर को यात्रा के वातावरण के अनूकूल बनाएं। स्वास्थ्य संबधी किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर नजदीकी चिकित्सा इकाई से संपर्क करें।
दरअसल,स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि chardham yatra में सभी तीर्थ स्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में हैं, जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। उन स्थानों में अत्यधिक ठंड, कम आर्द्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉइलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव और ऑक्सीजन की कमी से यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ सकती है।
यात्रा के लिए बनाई गई योजना
यात्रा की योजना कम से कम सात दिनों के लिए बनाएं।
वातावरण के अनुरूप शरीर को अनुकूलन करने के लिए समय दें।
पैदल मार्ग पर हर एक घंटे की चढ़ाई के बाद 5 से 10 मिनट का ब्रेक लें ।
यात्रा के लिए इन समानों का आवश्यक रूप से करें प्रयोग
गर्म कपड़े, दस्ताने, मोजे, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता।
हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री स्वास्थ्य जांच उपकरण, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर रखें।
सभी जरूरी दवा, परीक्षण उपकरणों और अपने घर के चिकित्सक का संपर्क नंबर ले जाएं।
अगर आपके डॉक्टर यात्रा से मना करते हैं तो कृपया यात्रा न करें।
यात्रा के दौरान कम से कम दो लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार लें।
किसी भी असुविधा के मामले में स्क्रीनिंग केंद्रों व चिकित्सा इकाइयों पर स्वास्थ्य की जांच करवाएं।
इन लोगों पर दिया जाए विशेष ध्यान
55 वर्ष से अधिक आयु वाले यात्री, गर्भवती महिलाएं।
हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा और मधुमेह से ग्रसित यात्री।
अधिक मोटापे से ग्रस्त (30 बीएमआई) यात्री।