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प्रदेश में वाहनों का किराया बढ़ाने की प्रक्रिया काफी मुश्किल है। पिछले दिनों कई साल के बाद जो किराया बढ़ाया गया था उसके लिए आरटीओ देहरादून की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी। अब 25 नवंबर को होने वाली राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में सालाना बढ़ोतरी की दर भी तय की जाएगी।

प्रदेश में बस ट्रक टैक्सी विक्रम ऑटो का किराया अब हर साल बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। परिवहन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जो कि 25 नवंबर को होने वाले राज्य परिवहन प्राधिकरण बैठक में रखा जाएगा। बैठक में सालाना बढ़ोतरी की दर भी तय कर दी जाएगी इस दर से हर साल किराया स्वतः बढ़ता जाएगा।

दरअसल प्रदेश में वाहनों का किराया बढ़ोतरी की परिक्रिया कॉफी मुश्किल है। पिछले दिनों कई साल के बाद किराया बढ़ाया गया था। उसके लिए आरटीओ देहरादून की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी। इसने सभी हितधारकों से बातचीत करके किराये का प्रस्ताव एसटीएफ को भेजा था।

इस पर आपत्तियां आने के बाद किराया बढ़ोत्तरी टल गई थी। इसके कई महीने बाद दोबारा समिति ने सभी आपत्तियों को दूर करते रिपोर्ट एसटीए को भेजी थी। जिसके बाद एसटीए ने किराया बढ़ा दिया था। इस लंबी प्रक्रिया को दुरुस्त करने के लिए परिवहन मुख्यालय ने सालाना स्वतः किराया बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। 25 नवंबर को होने वाली एसटीए बैठक में ये प्रस्ताव रखा जाएगा।

पेयजल स्वास्थ्य विभाग में लागू है व्यवस्था
जल संस्थान हर साल 10% तक के हिसाब से पानी की दरों में बढ़ोतरी करता है। इसका अलग से कोई प्रस्ताव नहीं होता। इसी प्रकार सरकारी अस्पतालों में ओपीडी शुल्क व अन्य जांचों का शुल्क भी हर साल 10% के हिसाब से बढ़ाया जाता है। परिवहन मुख्यालय भी इसी तरह का प्रस्ताव लाया है।

आरटीए के परमिट सजा के नियमों में आएंगी एकरूपता
प्रदेश में अभी तक आरटीए के अलग अलग नियम हैं। इन नियमों से लोगों को काफी परेशानी होती है। आरटीए गढ़वाल में टैक्सी का परमिट तो आसानी से मिल जाता है, लेकिन विक्रम के परमिट के लिए बहुत इंतजार करना पड़ता है। इसी प्रकार अलग अलग नियमों के उल्लंघन में गढ़वाल और कुमाऊं में अलग अलग सजा का प्रावधान भी है। परिवहन मुख्यालय ने इसमें एकरूपता लाने का प्रस्ताव भी तैयार किया है। एसटीए की बैठक में रखा जाएंगा।

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किराया बढ़ोतरी में कई साल लगने के कारण अधिक बढ़ोतरी का दबाव रहता है। जल संस्थान अस्पतालों की तरह यहाँ भी किराया बढ़ोतरी हर साल ऑटोमैटिक करने का प्रस्ताव तैयार कर एसटीए में लाया जा रहा है। इसी प्रकार आरटीए से जुड़े नियम पूरे प्रदेश में एक समान किया जा रहा था।

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