Doon Prime News
uttarakhand

इंसान ही नहीं जानवरों को भी होती है उम्रकैद की सजा, उत्तराखंड में यहाँ 9गुलदार काट रहे जेल में सज़ा

आपको शायद सुनकर हैरानी जरूर होगी लेकिन यह कड़वा सत्य है कि जानवरों को भी ‘उम्रकैद हो सकती है। जी हाँ,हरिद्वार के पास चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू और पुनर्वास सेंटर में ऐसे ही नौ गुलदार हैं, जो ताउम्र वहीं रहेंगे। उनकी आगे की उम्र अब यहीं गुजरने वाली है । अब ना वो जंगल देख सकेंगे और ना आजादी से घूम सकेंगे। इनको वहां पिंजरों में कैद रखा गया है।


आपको बता दें की प्रदेश के विभिन्न इलाकों से पकड़े गए इन गुलदारों को रूबी, रॉकी, दारा, मुन्ना, जाट, मोना, गब्बर जैसे नामों से जाना जाता है। इनको वहां चिकन, मटन और अलग अलग तरीके का मांस भी खाने को दिया जाता है। कुछ देर के लिए बाड़े में भी छोड़ा जाता है, लेकिन फिर पिंजरे में डाल दिया जाता है। इनकी जिंदगी एक सजायाफ्ता कैदी जैसी ही है, जो मरते दम तक शायद ऐसी ही रहेगी। वन विभाग का कहना है कि इनमें से कइयों के दांत टूटे हैं। कुछ की आंख में चोट है। कुछ के हाथ पैर में चोट है।

यह भी पढ़े -**टीम इंडिया को खराब भोजन परोसने के विवाद में बोले खेल मंत्री अनुराग ठाकुर – “ऑस्ट्रेलिया जैसे देश में नहीं होनी चाहिए इस तरह की समस्या। मामले में गंभीरता से विचार करें ऑस्ट्रेलिया……..”*


इस कारण वे अब जंगल में सर्वाइव नहीं कर सकते। वहीं कुछ आदमखौर हैं तो उनको जंगल में फिर से नहीं छोड़ सकते। चीफ वाडल्ड लाइफ वार्डन डा. समीर सिन्हा ने कहा कि इन जानवरों को पकड़कर वहां रखा जाता है, लेकिन इनमें से कुछ आदमखौर हो गए हैं, कुछ अपंग हो गए हैं। ऐसे में इनका जंगल में जाना उनकी खुद की या दूसरों की जान के लिए खतरा है। ऐसे में इनको यहीं रखकर उनका पालन पोषण किया जा रहा है। ये जंगल में सर्वाइव नहीं कर सकेंगे।

Related posts

Krishna Janmashtami 2023 : देहरादून किशनपुर अर्धनारीश्वर मंदिर में मनाया गया जन्माष्टमी का त्यौहार, फोड़ी गई दही हांडी

doonprimenews

देवभूमि में दंगे,फसाद करने वाले उपद्रवियों पर सरकार की कड़ी नकेलअब दंगाईयों से होगी निजी, सरकारी संपत्ति क्षति की पूरी वसूली

doonprimenews

Uttarakhand News- आठ फरवरी को हुई हिंसा के दौरान घायल हुए बनभूलपुरा निवासी इशरार की इलाज के दौरान आज हुई मौत

doonprimenews

Leave a Comment