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उत्तरकाशी हिमस्खलन हादसे में लापता विनय पंवार की फरवरी में शादी होनी थी। शादी के लिए हलवाई से लेकर टेंट वाले तक की बुकिंग हो चुकी थी। परिवार वाले बहू लाने के लिए नया मकान बनवा रहे थे कि द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे में विनय लापता हो गया जिसका हादसे के आठ दिन बाद भी कोई पता नहीं चला है।


बता दें की विनय को याद करके उसकी मां बार-बार बेहोश हो रही है और पिता अस्पताल के चक्कर लगा लगाकर परेशान हो चुके हैं। बीते 4 अक्तूबर को द्रौपदी का डांडा-2 चोटी पर हिमस्खलन के दौरान निम के प्रशिक्षु पर्वतारोहियों का दल हिमस्खलन की चपेट में आया था।
जानकारी के लिए बता दें की हादसे में 25 प्रशिक्षु पर्वतारोहियों व 2 प्रशिक्षक सहित कुल 27 की मौत हो चुकी है जबकि दो लापता है। लापता में से एक हरिपुर देहरादून निवासी विनय पंवार( 29 )भी है जिसके हादसे में लापता होने के बाद से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। विनय के पिता राजेंद्र पंवार बताते है कि विनय नौसेना में सेवारत था जिसे बचपन से ही साहसिक खेलों व पर्वतारोहण का शौक था। वह दिवाली तक की छुट्टी पर घर आया था।


इस दौरान अचानक उसने निम के कोर्स में जाने की बात कही। बताया कि उन्होंने विनय को कोर्स में न जाने को कहा था लेकिन वे नहीं माने। पिता की जुबान पर यही बात है। कि बेटे को कोर्स पर जाने से मना किया था।विनय की फरवरी में शादी होने वाली थी। इसके लिए हलवाई से लेकर टेंट वाले तक की बुकिंग हो चुकी थी। घर में जगह की कमी के चलते नए मकान का काम भी चल रहा था।

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बता दें की वन विभाग में कार्यरत विनय के पिता राजेंद्र ने बताया कि उनका फरवरी 2023 में रिटायरमेंट है। विनय का बड़ा भाई दीपक पंवार हादसे की खबर के बाद से उत्तरकाशी में डेरा डाले हुए है।मातली हेलीपैड पर जब भी कोई सेना का हेलीकॉप्टर आता है तो वह उसे टकटकी लगाए देेखता रहता है। लेकिन हर बार उसके हाथ मायूसी लगती है। वह आज भी अपने छोटे भाई की सकुशल वापसी का इंतजार कर रहा है।

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