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उत्तराखंड में संचालित हो रहे 21 निजी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई जल्द महंगी होने की संभावना है। जी हां बता दे की इनकी ओर से शासन को औसतन 20 से 30% फीस वृद्धि का प्रस्ताव भेजा गया है। 7 अक्टूबर को प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति की बैठक में इस पर निर्णय किया जायेगा।

वर्ष 2019 से समिति में अध्यक्ष पद है खाली जिसके चलते नहीं हो पाई बैठक
आपको बता दें कि उच्च शिक्षा सचिव एवं नियामक समिति के सदस्य सचिव शैलेश बगोली के अनुसार निजी विश्व ने को लेकर प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति बनी है। वर्ष 2019 से समिति में अध्यक्ष का पद खाली चल रहा है यही वजह थी कि समिति पिछले काफी समय से बैठक ना होने से व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की फीस रिवाइज नहीं हो पाई थी।


बैठक में विभिन्न पाठ्यक्रमों की तय की जाएगी फीस

सरकार ने इस साल फरवरी में प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति के अध्यक्ष पद पर न्यायधीश महबूब अली( सेनि.)की नियुक्ति की है। समिति की 7 अक्टूबर को बैठक होनी है जिसमें बीएड, एलएलबी,एमबीए,कृषि, उद्यान, बीटेक आदि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की फीस तय की जाएगी।फीस महाविद्यालय में संसाधनों के हिसाब से अलग-अलग भी हो सकती है।

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शिक्षा से संबंधित हर विभाग की अपनी है सब कमेटी
वही शैलेश बगोली का कहना है कि फीस को लेकर शिक्षा से संबंधित हर विभाग की अपनी सब कमेटी है जो प्रस्तावों की स्क्रूटनी के बाद अपनी सिफारिश नियामक समिति को सौपेगी। हाल ही में समिति की दो से तीन बैठकें हो चुकी है। निजी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में उपलब्ध संसाधनों के हिसाब से फीस तय की जाएगी।

पिछले 5 साल से फीस में नहीं हुई कोई वृद्धि : सुनील अग्रवाल
तो वही सुनील अग्रवाल, उपाध्यक्ष, अखिल भारतीय निजी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय एसोसिएशन का कहना है कि हर 3 साल में फीस रिवाइज होने की व्यवस्था है लेकिन पिछले 5 साल से फीस में कोई वृद्धि नहीं हुई है।निजी विश्वविद्यालयों ने इस साल औसतन 20 से 30% फीस वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है शिक्षकों के वेतन एवं महंगाई को देखते हुए फीस में वृद्धि होनी चाहिए।

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