देहरादून UKSSSC पेपर लीक उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के स्नातक स्तर के पेपर लीक मामले में आयोग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। पेपर प्रिंटिंग और पैकेजिंग करने के दौरान के सीसीटीवी फुटेज आयोग के पास से गायब है.
एसटीएफ की पूछ्ताछ के दौरान परीक्षा नियंत्रक से मिली जानकारी।
यह जानकारी परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डागी से एसटीएफ को पूछ्ताछ के दौरान मिली है। वही प्रिंटिंग प्रेस की ओर से फुटेज आयोग को देने की बात कही जा रही है। एस में एसटीएफ जल्द ही आयोग के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों से पूछ्ताछ करेंगे.
आरोपियों से पूछ्ताछ करने के बाद लगातार आपस में जोड़ी जा रही हैं कड़ियाँ
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने अपने बयान में कहा कि पेपर का ब्लूप्रिंट तैयार होने से लेकर छपने तक कही न कही कुछ गडबड हुई थी। ऐसे में आरोपी से पूछ्ताछ के बाद लगातार कड़ियों को आपस में जोड़ा जा रहा है। सोमवार को आयोग के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक रहे नारायण सिंह डागी को पूछ्ताछ के लिए बुलाया गया था।
अन्य कर्मचारियों के बारे में भी। 5 घंटे तक की थी पूछ्ताछ।
उनसे पेपर के ब्लूप्रिंट से लेकर प्रकाशन परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने व उनके अधीनस्थ अन्य कर्मचारी के बारे में भी 5 घंटे तक चली पूछताछ। एसएसपी ने कहा कि कहीं न कहीं तो आयोग की लापरवाही भी सामने आ रही है।
पुलिस टीम ने प्रिंटिंग प्रेस का किया निरीक्षण।
रिमांड पर लिए गए आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के आरोपी कर्मचारी अभिषेक वर्मा को 3 दिन की पीसीआर के बाद लखनऊ में वापस लाकर देहरादून जेल में दाखिल कर दिया गया है। एसटीएफ की ओर से पीसीआर के दौरान महत्वपूर्ण कड़ियां जोड़ने। की कोशिश जारी हैं।
एसटीएफ ने प्रिंटिंग प्रेस की एक एक चीज़ का बारीकी से निरीक्षण किया।
रिमांड के दौरान एसटीएफ ने प्रिंटिंग प्रेस जहाँ से पेपरलीक की शुरुआत हुई थी की बारीकी से हर चीज़ का निरीक्षण किया वहाँ काम करने वाले स्टाफ से कड़ी पूछ्ताछ की गई। आरोपी से लैपटॉप, चार बैंक पासबुक, अवैध धन से खरीदी गई कार और कागजात आदि बरामद हुए हैं।
देहरादून से छह लोगों को पूछ्ताछ के लिए बुलाया।
एसटीएफ ने आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सहित छह लोगों को नोटिस देकर पूछ्ताछ के लिए देहरादून से बुलाया है। इनमें कंप्यूटर पर टाइपिंग करने वाले व मशीन मैन भी शामिल है। निरीक्षण के दौरान टीम ने यह भी बताया कि प्रिंटिंग प्रेस में सुरक्षा व कमरों का इंतजाम तो है लेकिन जीस समय पेपर की छपाई हुई उस समय की फुटेज वहाँ पर उपलब्ध नहीं करवाई गई है। कंपनी की ओर से कहा जा रहा है कि उनकी ओर से डाटा आयोग को दे दिया गया है।
इस मामले में नकल कर नौकरी पाने वाले जनप्रतिनिधि भी एसटीएफ के रडार पर।
दुर्भाग्य ही कहेंगे कि किताबों के बजाय राजनीतिक लोगों के आगे पीछे घूमने वाले लोग फायदा उठा जाते हैं। ऐसा ही कुछ आयोग की परीक्षाओं में देखने को मिला है। नकल के दम पर कई जनप्रतिनिधि आयोग की परीक्षा में सफल होकर नौकरी पाने में। सफल रहे हैं। अब यह जनप्रतिनिधि एसटीएफ के शिकंजे में फंसने जा रहा है तो उन्होंने हाथ पांव मारने शुरू कर दिए हैं।
एसटीएफ की टीम जल्द ही जाएगी उत्तरकाशी
कुमाऊँ मंडल के बाद एसटीएफ की जांच अब गढ़वाल मंडल में पहुँच गई है उत्तरकाशी जिले के नकल कर परीक्षा पास करने वाले कुछ जनप्रतिनिधियों एसटीएफ के रडार पर है एसटीएफ ने उनके खिलाफ़ सबूत जुटाने में लग गई है। जल्द ही एसटीएफ एक टीम उत्तरकाशी में भेजेगी। पेपर लीक मामले में उत्तरकाशी जिले। की एक महिला जनप्रतिनिधि भी एसटीएफ के निशाने पर आई है। किसी भी समय एसटीएफ उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।पेपर लीक नौकरी से पाने वाले कई पंचायत प्रतिनिधि हैं शामिल।
सूत्रों के अनुसार यह पता चला है कि जिले में प्रधान से लेकर कई पंचायत प्रतिनिधि हैं, जिन्हें पेपर लीक के कारण ही नौकरियां मिली हैं। यही नहीं उन्होंने अपने करीबियों को भी नौकरी पर लगवाया है। जनप्रतिनिधियों के स्नातक स्तर की परीक्षा में ही ही नहीं, बल्कि इससे पहले हुई परीक्षाओं में नकल के दम पर ही नौकरी। पाई है। अब एसटीएफ की जांच में सामने आ पाएगा कि ऐसे कितने जनप्रतिनिधि है।
100 से अधिक छात्रों के नाम आए सामने।
पेपर लीक मामले में अब तक 100 से अधिक ऐसे अभ्यर्थी सामने आ चूके हैं, जिन्होंने नकल कर परीक्षा पास की है। इसके अलावा इन अभ्यर्थियों ने अपने परिचितों। को पेपर भेजा। एसटीएफ जल्द ही नकल करने वाले अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसने वाली है। उत्तरकाशी जिले में दबिश के बाद नकल करके पास होने वाले अभ्यर्थियों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
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हॉलैंड गए जनप्रतिनिधि के आज लौटने की उम्मीद।
हॉलैंड गए एक जनप्रतिनिधि के आज देहरादून लौटने की उम्मीद जताई जा रही है। जनप्रतिनिधि का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें 10 अगस्त को लौटने की बात कही गई है। जनप्रतिनिधि पर सबकी निगाहें, टिकी हुई है उनका नाम वन रक्षक भर्ती परीक्षा में भी सामने आया था। तब मुकदमा भी दर्ज हुआ था। लेकिन आरोप पत्र दाखिल करने से पहले ही नाम मुकदमे से हट गया था।