देहरादून। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना की वीरता और कार्रवाई की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने न केवल कश्मीर के पहलगाम में हुई कायराना घटना का करारा जवाब दिया है, बल्कि अब वह पाकिस्तान की सरहद के भीतर घुसकर नई परंपरा की शुरुआत कर रही है।
मुख्यमंत्री धामी रविवार को देहरादून के गढ़ी कैंट क्षेत्र में स्थित हरबंस कपूर मेमोरियल कम्युनिटी हॉल के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेनाओं को पूरी तरह से खुली छूट दी गई है, और इसी का नतीजा है कि सेना ने सशक्त और निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को चार दिनों के भीतर ही युद्धविराम के लिए मजबूर कर दिया।
‘पाकिस्तान पर भरोसा नहीं, भारत आतंकवाद को कुचलने में सक्षम’
सीएम धामी ने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान पर कभी भी विश्वास नहीं किया जा सकता। वह लगातार आतंकवाद को पनाह देता है, लेकिन भारत जानता है कि “सांप का फन कैसे कुचला जाता है।” उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की शक्ति और संकल्प से आज पूरी दुनिया परिचित हो रही है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पूर्व सैनिकों की उपस्थिति पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इन वीरों की उपस्थिति से ऊर्जा मिलती है। साथ ही उन्होंने सभी को मातृ दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मां ही हमारे जीवन की पहली गुरु होती है, जो हमें संस्कार और शिक्षा देती है।
हरबंस कपूर को दी श्रद्धांजलि, सामुदायिक भवन को बताया विकास का केंद्र
सीएम धामी ने स्वर्गीय हरबंस कपूर को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी सहजता और जनसेवा के संकल्प के साथ राजनीति को केवल सत्ता का नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने देहरादून के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई और अपने विनम्र व्यवहार से सभी के दिलों में जगह बनाई।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह सामुदायिक भवन क्षेत्र की सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनेगा। उन्होंने एमडीडीए के अधिकारियों को निर्देश दिए कि कैंट बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर भवन संचालन की दिशा में स्पष्ट गाइडलाइन तैयार करें।
सालावाला में भी बनेगा सामुदायिक भवन
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सालावाला क्षेत्र में भी जल्द ही सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूर्व में इसकी घोषणा की जा चुकी थी, लेकिन तकनीकी अड़चनों के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका था। अब अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस कार्य को एमडीडीए के प्लान में शामिल किया जाए।
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