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देहरादून, डिजिटल टीम। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित सेमिनार में भाग लिया। उन्होंने एआई के माध्यम से राज्य को आगे बढ़ाने के लिए एक केंद्र उत्कृष्टता (Center of Excellence) स्थापित करने की घोषणा की।

एआई का योगदान:

राज्य की उन्नति के लिए मंथनमुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एआई के सहयोग से राज्य में इकोलॉजी, इकोनॉमी, टेक्नोलॉजी, अकाउंटेबिलिटी, और सतत विकास में महत्वपूर्ण प्रगति हो सकती है। उन्होंने इस मंथन कार्यक्रम को ‘अमृत’ के रूप में देखा, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एआई के उपयोग से समय की बचत और नवाचार

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साइंस, टेक्नोलॉजी, और एआई पर विशेष ध्यान देने की बात की। उन्होंने कहा कि एआई ने लोगों का समय बचाने के साथ-साथ उद्योग, चिकित्सा, कृषि, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में नवाचार लाया है।

उत्तराखंड: एक अग्रणी राज्य बनने की दिशा में

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है, और सतत विकास लक्ष्यों के सूचकांक में राज्य ने पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने एआई के सही उपयोग से प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर, और मानव संसाधन को सर्वोत्तम तरीके से उपयोग करने की बात कही।कही।

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आपदा प्रबंधन और क्लाइमेट चेंज में एआई का योगदान

राज्य में आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन को समझने में एआई की उपयोगिता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य में एआई के अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है।

विशेषज्ञों का दृष्टिकोण:

एआई की दिशा में राज्य की प्रगतिमहानिदेशक यूकॉस्ट प्रो दुर्गेश पंत ने कहा कि उत्तराखंड नॉलेज स्टेट के रूप में आगे बढ़ रहा है और यह एआई के माध्यम से समृद्ध और सशक्त हो सकता है। प्रो ओपीएस नेगी ने शिक्षा व्यवस्था में एआई को शामिल करने पर जोर दिया और कहा कि डिस्टेंस एजुकेशन को एआई के माध्यम से अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव नितेश झा और विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति भी मौजूद रहे।

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