उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा से स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए नए सब-स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे पुरानी सब-स्टेशनों पर लोड कम होगा और अधिक सोलर पावर प्लांट स्थापित किए जा सकेंगे। वर्तमान में राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बिजली उपभोक्ताओं को कम वोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ता है, लेकिन केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त आरडीएसएस (रेवम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) प्रोजेक्ट के अंतर्गत राज्य में 42 से अधिक नए पावर सब-स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे पावर सप्लाई सिस्टम को मजबूत किया जा सकेगा।आरडीएसएस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में स्मार्ट मीटर प्रणाली लागू की जा रही है, जबकि दूसरे चरण में सप्लाई सिस्टम को सुधारने के लिए कैपेसिटर बैंक, कंडक्टर और बिजली चोरी रोकने के लिए एबी केबिल बिछाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। तीसरे चरण में, नए सब-स्टेशनों के निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण कार्य किया जाएगा। पहले की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में लगभग 36 सब-स्टेशन बनाने की योजना थी, लेकिन केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस के बाद अब 42 से अधिक नए सब-स्टेशन बनाने की योजना बनाई जा रही है। इनमें से 30 सब-स्टेशनों के लिए भूमि भी उपलब्ध हो गई है और डीपीआर को अंतिम रूप देने का कार्य तेजी से चल रहा है।
बिजली की मांग बढ़ने से सब-स्टेशन ओवरलोड हो रहे हैं
गर्मियों के मौसम में बिजली की मांग में वृद्धि से सब-स्टेशन ओवरलोड हो जाते हैं, जिससे कम वोल्टेज की समस्या उत्पन्न होती है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य के हर जिले में मांग के अनुसार नए सब-स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे ओवरलोडिंग की स्थिति से बचा जा सके। इन नए सब-स्टेशनों के निर्माण से सीएम सौर स्वरोजगार योजना को भी बल मिलेगा। नए सब-स्टेशनों के बनने से पुराने सब-स्टेशनों पर लोड कम होगा और अधिक से अधिक सोलर पावर प्लांट स्थापित किए जा सकेंगे। वर्तमान में ओवरलोडिंग के कारण यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) तकनीकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट नहीं दे पा रहा है, जिससे सोलर पावर प्लांट की स्थापना में रुकावट आ रही है। नए प्रोजेक्ट के अंतर्गत हर जिले में दो से चार नए सब-स्टेशन तैयार किए जाएंगे।
केंद्र सरकार की ओर से मिलेगा 3500 करोड़ रुपये का बजट
केंद्र सरकार आरडीएसएस प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड को 3500 करोड़ रुपये का बजट प्रदान कर रही है, जिसमें से 1100 करोड़ रुपये से सब-स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। 1300 करोड़ रुपये से स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट का कार्य किया जाएगा और 1100 करोड़ रुपये बिजली की गुणवत्ता सुधारने के लिए खर्च किए जाएंगे। सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि उत्तराखंड में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ रहा है, जिसके कारण बिजली की मांग में भी वृद्धि हो रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नए सब-स्टेशनों का निर्माण आवश्यक हो गया है, जिससे सोलर पावर प्लांट की स्थापना में भी सहूलियत होगी और यूपीसीएल को तकनीकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट देने में कोई दिक्कत नहीं होगी।
नई ट्रांसमिशन लाइनों का नेटवर्क भी होगा तैयार
उत्तराखंड में बिजली की नई ट्रांसमिशन लाइनों और बड़े बिजली सब-स्टेशनों का नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जिससे गर्मियों में बिजली का लोड बढ़ने से पावर सप्लाई सिस्टम पर कोई असर न हो। इस योजना के तहत तीन चरणों में बिजली लाइनों और सब-स्टेशनों पर कार्य किया जाएगा, जिससे राज्य के 28 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। सचिव ऊर्जा ने बताया कि मई-जून के महीने में पिटकुल के कई सब-स्टेशनों के ओवरलोड होने के कारण बिजली संकट उत्पन्न हुआ था, जिसे भविष्य में रोकने के लिए सब-स्टेशनों और बिजली लाइनों को अपग्रेड किया जाएगा। इसके अलावा, सचिव ऊर्जा ने एक समिति का गठन किया था, जिसने प्लान तैयार कर दिया है और इसे जल्द ही यूपीसीएल और पिटकुल बोर्ड में प्रस्तुत किया जाएगा।
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प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद कार्य को शीघ्र आरंभ किया जाएगा, ताकि बिजली आपूर्ति में बाधा न आए और परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की बर्बादी न हो।