उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ₹5,013.05 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया है। इस बजट में विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि आपदा राहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, अवसंरचना विकास, और सामाजिक कल्याण पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट का मुख्य उद्देश्य गरीब, युवा, किसान, और महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है।
आपदा राहत और पुनर्निर्माण कार्य
बजट में आपदा प्रबंधन के लिए व्यापक प्रावधान किए गए हैं। सदन में प्रस्तुत किए गए बजट में निम्नलिखित राशियों का आवंटन किया गया है:
– एसडीआरएफ मद: आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्यों के लिए ₹718.40 करोड़।
– एसडीएमएफ मद: आपदा प्रबंधन के तहत पुनर्निर्माण कार्यों के लिए ₹218.60 करोड़।
– क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण: जिलाधिकारियों को क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण हेतु ₹20 करोड़।इन उपायों से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों को सुदृढ़ किया जाएगा।
शिक्षा और स्वास्थ्य में विशेष निवेश
- शिक्षा क्षेत्र में समग्र विकास हेतु ₹698 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस राशि से निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
– राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण: ₹14 करोड़।
– पालीटेक्निक संस्थानों के लिए भूमि खरीद या भवन निर्माण: ₹10 करोड़।
– नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना: ₹25 करोड़।
- स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बजट में पर्याप्त राशि आवंटित की गई है, जिससे जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा सकेंगी।
अवसंरचना विकास और ग्रामीण सुधार
अवसंरचना विकास पर विशेष ध्यान देते हुए निम्नलिखित आवंटन किए गए हैं
:- सीमांत गांवों के विकास (वाइब्रेंट विलेज परियोजना): ₹130 करोड़।
– बड़े निर्माण कार्य: ₹748.40 करोड़, जिसमें शामिल हैं:
– टिहरी झील का विकास: ₹50 करोड़।
– नाबार्ड पोषित लघु सिंचाई योजना: ₹40 करोड़।
– गो सदनों का निर्माण: ₹32 करोड़।
– राज्य संपत्ति विभाग के आवासीय और अनावासीय भवन निर्माण:₹25 करोड़।
इन पहलों से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा और अवसंरचना में सुधार किया जाएगा।
सामाजिक कल्याण और समर्थन योजनाएँ
बजट में जनकल्याण योजनाओं को विशेष महत्व दिया गया है, जिसमें निम्नलिखित प्रावधान शामिल हैं:
– केंद्र पोषित योजनाएँ: ₹1,531.65 करोड़।
– बाह्य सहायता प्राप्त योजनाएँ: ₹273.17 करोड़।
– स्थानीय निकायों के सशक्तीकरण: ₹45.92 करोड़।
– स्वच्छ भारत मिशन फेज-1: ₹4 करोड़।
– उतराखंड शहरी स्थानीय निकाय सुधार प्रोत्साहन निधि: ₹1 करोड़।
– नजूल भूमि फ्रीहोल्ड करने: ₹50 लाख।
शहरी विकास और निकाय चुनाव से पूर्व तैयारी
नगर निकाय चुनाव से पहले शहरी विकास पर विशेष जोर दिया गया है। आवास और शहरी विकास के तहत कुल ₹528 करोड़ से अधिक धनराशि खर्च की जाएगी। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं:
– नगरीय अवस्थापना के सुदृढ़ीकरण और बाह्य सहायतित योजनाएँ: ₹192 करोड़।
– आवास निर्माण (आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए)**: ₹96.76 करोड़।
– यूनिटी माल अथवा प्लाजा निर्माण: ₹69 करोड़।
– सीवरेज प्रबंधन कार्यों के लिए रिंग फेंसिंग: ₹120 करोड़।
पूंजीगत और राजस्व पक्ष
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बजट में राजस्व और पूंजीगत पक्ष में निम्नलिखित प्रावधान किए हैं:
– राजस्व पक्ष: ₹3,756.89 करोड़।
– पूंजीगत पक्ष: ₹1,256.16 करोड़।इन प्रावधानों से राज्य की वित्तीय स्थिति को संतुलित किया जाएगा और विभिन्न योजनाओं को उचित संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा।
सरकार ने अपने प्रथम अनुपूरक बजट के माध्यम से विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश कर राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। गरीब, युवा, किसान, और महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए, सरकार ने अवसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, और सामाजिक कल्याण पर विशेष ध्यान दिया है। यह बजट प्रदेश के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक होगा।