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कुमाऊं विश्वविद्यालय की स्नातक चतुर्थ सेमेस्टर परीक्षा के परिणाम ने विवाद को जन्म दे दिया है। विश्वविद्यालय ने पहले 500 से अधिक विद्यार्थियों को पास घोषित कर उन्हें पंचम सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया था। लेकिन, एक सप्ताह के भीतर ही इन विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया, जिससे छात्र-छात्राओं में आक्रोश और चिंता फैल गई है।परीक्षा परिणाम की इस असामान्यता के बाद एमबीपीजी कॉलेज में प्रभावित छात्र-छात्राएं दिनभर विवि के कार्यालय में दौड़ते रहे। 17 जुलाई को जारी किए गए परिणाम में पास दिखाया गया था, लेकिन हाल ही में पोर्टल पर चेक करने पर फेल का रिजल्ट प्राप्त हुआ। विद्यार्थियों ने पोर्टल से पुराने और अपडेट किए गए अंकपत्र निकालकर शिकायत दर्ज कराई है।कुमाऊं विश्वविद्यालय का इस लापरवाही पर कड़ा विरोध हो रहा है।

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पहले से ही परिणामों में गड़बड़ी और परीक्षा प्रश्न पत्रों में असामान्यताएं सामने आ चुकी हैं। अब नए विवाद ने विश्वविद्यालय की गुणवत्ता पर प्रश्न चिह्न लगा दिया है। विश्वविद्यालय अधिकारियों ने पोर्टल की तकनीकी दिक्कत को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि उच्च शिक्षा विभाग पर परिणामों की जल्दी घोषणा का दबाव बताया जा रहा है।छात्र-छात्राओं और विश्वविद्यालय प्रतिनिधियों का कहना है कि इस प्रकार की गड़बड़ियों से विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस स्थिति में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई जा रही है।

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