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STF ने उत्तरकाशी के जिला अध्यक्ष हाकम सिंह (hakam Singh) को किया गिरफ्तार, कॉन्ग्रेस के नेताओं ने सीबीआई जांच की मांग कि

Hakam Singh Rawat

पेपर लीक मामले की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ती जा रही है। इसमें उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य एवं भाजपा नेता hakam Singh हाकम सिंह का नाम भी सामने आने लगा है STF ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि हाकम (hakam Singh) बैंकॉक भाग गया था।
उत्तरकाशी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले में पकड़े गए उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह (hakam Singh) रावत को भारतीय जनता पार्टी ने 6 साल के लिए निकाल दिया है पार्टी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है।

पेपर लीक मामले की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ती जा रही है, इसमें उत्तरकाशी जिला पंचायत सदस्य एवं भाजपा नेता हाकम सिंह (hakam Singh) का नाम भी सामने आने लगा है एसटीएफ STF ने जांच की तो पता चला कि हाकम सिंह (hakam Singh) बैंकॉक भाग गया है STF ने उस पर लगातार नजर रखी हुई थी, उसे हिमाचल भागने का प्रयास करते हुए त्यूणी के आराकोट चेकपोस्ट से STF ने शनिवार को अपनी हिरासत में ले लिया था। हाकम (hakam Singh) की रविवार को गिरफ्तारी होने के साथ ही बीजेपी ने भी हाकम सिंह (hakam Singh) को पार्टी से निकाल दिया।

भाजपा के प्रदेश मंत्री कुलदीप कुमार ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के निर्देश पर उन्होंने 6 साल के लिए पार्टी से (hakam Singh) को बाहर कर दिया है। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने कहा कि उनकी पार्टी पहले ही दिन से इस मु्द्दे पर लड़ाई लड़ रही है। कांग्रेस ने विधानसभा में मामला उठाने के साथ ही सचिवालय घेराव भी किया था। उन्होंने कहा कि पहले ही दिन से हम कह रहे हैं, कि इस मामले में सरकार, उसके नेता, भ्रष्ट अधिकारी, बड़े पैमाने पर शामिल हैं।

हर काम सिंह एक छोटी सी चिड़िया है। उसकी सोशल मीडिया पर तमाम नेताओं और अधिकारियों के साथ तस्वीरें वायरल हो रही है। उसके रिजॉर्ट में नेता व अधिकारी रुकते हैं। जिससे पता चलता है कि हाकम सिंह (hakam Singh) की पहुँच कितनी दूर तक है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें भाजपा के नेता भी शामिल है। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की गुहार लगाई है।
इसी कंपनी के दो कर्मचारी जा चूके हैं सलाखों के पीछे।

आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के दो कर्मचारी पेपर लीक मामले में अब तक सलाखों के पीछे कर दिए जा चूके हैं। इसमें कंपनी के डाटा एंट्री ऑपरेटर अभिषेक वर्मा को सबसे पहले गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद STF की जांच के दौरान कंपनी के कर्मचारी जयजित दास को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

पेपर छापने और पैकेजिंग की सीसीटीवी फुटेज न मिलने पर उठे सवाल?
लखनऊ की जिस प्रिंटिंग प्रेस में स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर छपा था। वहाँ STF कंपनी के कर्मचारी अभिषेक को लेकर गई थी। मौके पर जांच की गई तो पता चला कि पेपर छापने से लेकर पैकेजिंग तक की सीसीटीवी फुटेज गायब है। इसके बाद से लगातार कंपनी पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए है।

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उत्तराखंड में हर साल 50, करोड़ से ऊपर का कारोबार।
आरएमएम कंपनी का कामकाज न केवल अधीनस्थ सेवा चयन आयोग बल्कि प्रदेश के करीबन 18 विश्वविद्यालयों में चलता है । के मुताबिक ये कंपनी केवल उत्तराखंड से ही हर साल 50, करोड़ से ऊपर का काम करती है। अगर कंपनी ब्लैक लिस्ट हुई तो यह बड़ा झटका हो सकता है।

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