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पायलट बाबा का मंगलवार को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर उनके सभी आश्रमों में तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। आज उनका पार्थिव शरीर हरिद्वार स्थित उनके आश्रम लाया गया, जहां संत-महात्मा और देश-विदेश से श्रद्धालु अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे हैं।

पायलट बाबा की समाधि और उत्तराधिकारी के पट्टाभिषेक की प्रक्रिया कल बृहस्पतिवार को की जाएगी।पायलट बाबा का जन्म बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में हुआ था, और उनका असली नाम कपिल सिंह था। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की और भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर के पद पर सेवा की। उन्होंने 1962, 1965 और 1971 की लड़ाइयों में हिस्सा लिया और इसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया।

एक हादसे के बाद पायलट बाबा ने शांति और अध्यात्म की ओर रुख किया। 1996 में जब उनका मिग विमान भारत के पूर्वोत्तर में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तब उनके गुरु हरि गिरी महाराज ने उनकी जान बचाई। इसके बाद से उन्होंने सैन्य जीवन को त्यागकर अध्यात्मिक मार्ग अपनाया।

जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरी महाराज के निर्देश पर पूरे प्रदेश में शोक सभा, शांति पाठ और विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है।

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