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देहरादून रिस्पना नदी के किनारे चिह्नित फ्लड जोन का नक्शा तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद बाढ़ संभावित क्षेत्रों में बने घरों पर लाल निशान लगाने की तैयारी की जा रही है। इस कार्रवाई के अंतर्गत, आने वाले दो महीनों में बाढ़ के खतरे में आने वाले सैकड़ों घरों पर कार्रवाई की जा सकती है।बीते जुलाई में सिंचाई विभाग की टीम ने एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना नदी के फ्लड प्लेन जोन का सर्वे किया।

इस सर्वे में अगले 25 और 100 वर्षों के बाढ़ संभावनाओं का अध्ययन किया गया। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर 50 से 100 मीटर तक के क्षेत्र को अत्यधिक संवेदनशील मानते हुए नक्शा तैयार किया जा रहा है।एनजीटी ने इन फ्लड जोन में बने निर्माणों को ध्वस्त करने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के आदेश दिए हैं। रिस्पना नदी के किनारे बसे 27 बस्तियों में सैकड़ों घर इस फ्लड जोन में आ रहे हैं, जिनमें से कई बस्तियों में अतिक्रमण के कारण नदी की चौड़ाई काफी कम हो गई है।

रिस्पना के साथ-साथ बिंदाल नदी के किनारों पर भी फ्लड जोन का निर्धारण किया गया है, जहां बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है। इन क्षेत्रों में आगामी बारिश के मौसम में आपदा के खतरे को देखते हुए अतिक्रमण हटाने और पुनर्वास की योजना पर काम किया जा रहा है।

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सिंचाई विभाग ने कंडोली, चीड़ोंवाली खाला, मोहिनी रोड पुल, बलवीर रोड पुल, और अधोईवाला सहित कई इलाकों को अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया है, जहां भविष्य में भीषण बाढ़ का खतरा है। सितंबर के अंत तक इन क्षेत्रों में ठोस कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।

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