उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर केदारनाथ यात्रा की सुरक्षा और पुनर्व्यवस्था का निरीक्षण करने के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और आपदा विशेषज्ञ कर्नल अजय कोठियाल ने आश्वासन दिया है कि केदारनाथ यात्रा पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यात्रा के सभी मार्ग, चाहे वह पैदल हों, हवाई यात्रा हो या डंडी-कंडी के माध्यम से हों, पूरी सुरक्षा के साथ संचालित किए जा रहे हैं।कर्नल कोठियाल ने बताया कि फिलहाल पैदल मार्ग के 10 स्थानों पर, विशेषकर जहां झरने आते थे, वहां मार्ग थोड़ा संकरा हो गया है। इन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और आपदा प्रबंधन की टीमें सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सात सितंबर से यात्रा को पूरी क्षमता के साथ 2013 से पहले वाले पुराने मार्ग पर चलाया जाएगा।
### आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य
31 जुलाई की आपदा का जिक्र करते हुए कर्नल कोठियाल ने कहा कि इस बार भी नुकसान 2013 की आपदा जैसा ही था, लेकिन आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने बेहद शानदार काम किया। उन्होंने बताया कि सात सितंबर से तीन नवंबर तक यात्रा के अंतिम चरण के लिए पैदल मार्ग को इस प्रकार से दुरुस्त किया जा रहा है कि यात्रा में किसी प्रकार की बाधा न आए। इसके साथ ही महत्वपूर्ण निर्माण सामग्री को धाम तक पहुंचाने में कोई समस्या न हो, इसके लिए भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कपाट बंद होने के बाद, दूसरे चरण में, अगले छह महीनों के दौरान मार्ग की बड़ी बाधाओं को दूर करने का कार्य किया जाएगा।
### लिंचौली में सुरक्षित व्यवस्था
कर्नल कोठियाल ने बताया कि वर्तमान में लिंचौली में यात्रियों के लिए बड़ी और सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यात्रा के अंतिम चरण में लिंचौली के अलावा किसी और स्थान पर यात्रियों को ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आपदा में लापता हुए लोगों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि अब तक 27 लोग लापता बताए गए हैं, जिनमें से सात के शव बरामद किए जा चुके हैं। बाकी की तलाश लगातार जारी है।कर्नल कोठियाल ने केदारनाथ यात्रा व्यवस्था के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी है, जिसमें आपदा से निपटने के लिए दिए गए सीएम के महत्वपूर्ण सुझावों को भी शामिल किया गया है।