देहरादून: कार्बेट टाइगर सफारी मामले में सीबीआई ने उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से लगभग दो घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान सीबीआई ने उनसे कई महत्वपूर्ण सवाल किए। यह पूछताछ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश के बाद हुई, जिन्होंने इस मामले में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इससे पहले, सीबीआई ने आरोपित बृजबिहारी शर्मा और पूर्व डीएफओ किशनचंद को भी गिरफ्तार किया था।यह मामला कार्बेट पार्क के कालागढ़ डिवीजन की पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर करोड़ों रुपये की बर्बादी, अवैध पेड़ कटाई और अवैध निर्माण से जुड़ा है। सीबीआई ने इस सिलसिले में हरक सिंह रावत को पूछताछ के लिए पहली बार बुलाया।
मामले की पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर 2022 में विजिलेंस ने इस मामले की जांच शुरू की थी, जिसमें बृजबिहारी शर्मा और बाद में 24 दिसंबर 2022 को पूर्व डीएफओ किशनचंद को गिरफ्तार किया गया। इन पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, और विजिलेंस ने अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था। इसके बाद अक्टूबर 2023 में उच्च न्यायालय के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया।
पाखरो रेंज सफारी से जुड़े गोपनीय दस्तावेज सीबीआई को सौंपे
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की पूछताछ के दौरान हरक सिंह रावत ने कुछ गोपनीय दस्तावेज भी सौंपे हैं, जिनमें कुछ उच्च अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं। इनमें कुछ आईएफएस अधिकारियों के नाम भी हैं, जिन्हें जल्द ही सीबीआई पूछताछ के लिए बुला सकती है। यह अधिकारी उस समय कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग के पाखरो में तैनात थे।
बिना स्वीकृति के अवैध निर्माण और पेड़ कटाई का मामला
पाखरो रेंज में टाइगर सफारी के लिए पेड़ों की अवैध कटाई का मामला तब उजागर हुआ, जब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने शिकायतों की स्थलीय जांच की। इस जांच में पाया गया कि स्वीकृति से अधिक पेड़ों की कटाई की गई और बड़े पैमाने पर बिना वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के निर्माण कार्य किए गए। सुप्रीम कोर्ट की उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस मामले में तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत की भूमिका पर सवाल उठाए थे और उन्हें भी जिम्मेदार ठहराया था। भारतीय वन सर्वेक्षण की जांच में पता चला कि पाखरो रेंज में छह हजार से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई हुई थी, जिसके चलते दो आईएफएस अधिकारियों को भी निलंबित किया गया था।
यह भी पढें- उत्तराखंड: ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर की तबीयत बिगड़ी, महिला को 250 किमी दूर एयरलिफ्ट कराया गया