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ऋषिकेश: देश की पहली हेली एंबुलेंस सेवा की शुरुआत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश से कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इस सेवा का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। यह हेली एंबुलेंस संजीवनी योजना के तहत निःशुल्क उपलब्ध होगी और प्रदेश के किसी भी हिस्से से गंभीर रूप से बीमार या हादसे में घायल मरीजों को त्वरित उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश लाया जा सकेगा। इस सेवा को आयुष्मान भारत योजना में भी शामिल किया जाएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण करेगी हेली एंबुलेंस

प्रधानमंत्री मोदी ने इस सेवा को स्वास्थ्य सुविधाओं के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि हेली एंबुलेंस सेवा का लाभ श्रमिक वर्ग और जरूरतमंद लोगों को समर्पित होगा, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में भी गोल्डन आवर (प्रारंभिक महत्वपूर्ण समय) में मरीजों को बेहतर उपचार मिल सके। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए यह सेवा गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि अब प्रदेश के दुर्गम और दूरस्थ इलाकों से भी गंभीर मरीजों को तुरंत एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जा सकेगा।

आपदा प्रबंधन में निभाएगी संजीवनी की भूमिका

एम्स ऋषिकेश ने 13 जिलों के आपदा प्रबंधन कार्यालयों को अपने कंट्रोल रूम से जोड़ दिया है, जिससे प्राकृतिक आपदाओं और बड़ी दुर्घटनाओं में भी गंभीर घायलों को जल्द से जल्द हेली एंबुलेंस की सहायता मिल सकेगी। कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इसे उत्तराखंड के विकास में क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि राज्य ने इस सेवा से अपनी संकल्प शक्ति और क्षमता को प्रदर्शित किया है। उन्होंने उत्तराखंड को “वीरभूमि और देवभूमि”बताते हुए आपदा के समय राज्य की जनता के साहस की सराहना की।

सेवा के मुख्य विशेषताएं

– सभी आवश्यक जीवनरक्षक उपकरण: हेली एंबुलेंस में वेंटिलेटर समेत सभी आवश्यक उपकरण मौजूद रहेंगे।

– मेडिकल टीम की मौजूदगी: एंबुलेंस में हर समय डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ तैनात रहेंगे।

– गंभीर मरीजों को प्राथमिकता: जिनकी हालत सबसे गंभीर होगी, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर यह सेवा दी जाएगी।

– एक मरीज की क्षमता: एक बार में केवल एक मरीज को लाने की व्यवस्था होगी।

– आपदा प्रबंधन कार्यालय की सिफारिश: बड़ी दुर्घटना या आपदा के मामलों में मरीज को जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय की सिफारिश पर यह सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।

## केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजना

संजीवनी योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें 50-50 प्रतिशत खर्च वहन करेंगी। हेली एंबुलेंस सेवा के अंतर्गत प्रत्येक महीने कम से कम 30 मरीजों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस सेवा का टोल-फ्री नंबर भी जल्द ही जारी किया जाएगा, जिससे लोगों को आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके।

सेवा की शुरुआत का आयोजन

एम्स ऋषिकेश में हुए उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री नायडू ने हेलीपैड पर जाकर हेली एंबुलेंस का निरीक्षण भी किया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, और एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. मीनू सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। पौड़ी सांसद अनिल बलूनी और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कार्यक्रम में वर्चुअली भाग लिया।

उत्तराखंड के लिए नई उम्मीद

कार्यक्रम में वक्ताओं ने इस सेवा को उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था के उन्नयन में मील का पत्थर बताया। एम्स ऋषिकेश की निदेशक डॉ. मीनू सिंह ने कहा कि संस्थान लगातार आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर तेजी से और बेहतर उपचार प्रदान करने के प्रयास कर रहा है। इस नई सेवा के माध्यम से दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जिससे कई जीवन बचाए जा सकेंगे।

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