उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली में हुए कोचिंग सेंटर हादसे के बाद राज्य में भी बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटरों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। गुरुवार को प्रशासन, नगर निगम, प्राधिकरण और पुलिस की संयुक्त टीम ने शहर से लेकर बाहरी हिस्सों में चल रहे 16 कोचिंग सेंटरों की जांच की। इनमें से 6 कोचिंग सेंटरों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया, जबकि 10 अन्य सेंटरों को नोटिस जारी किया जाएगा।जांच में पाया गया कि इन कोचिंग सेंटरों में कई जगहों पर सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी की गई थी। कुछ स्थानों पर एंट्री और एग्जिट द्वार एक ही थे, जिससे आपातकालीन स्थिति में छात्रों के बाहर निकलने में कठिनाई हो सकती थी। इसके अलावा, फायर सुरक्षा मानकों की भी कमी पाई गई। नगर आयुक्त विशाल मिश्रा, जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजय नाथ शुक्ल, सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी, एसपी प्रकाश चंद्र, और सीएफओ गौरव किरार सहित अन्य अधिकारियों की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की।**सील किए गए कोचिंग सेंटर:**1. विंड टेक्नोलॉजी (महिला डिग्री कॉलेज के सामने)2. शिक्षा कोचिंग सेंटर (सांई कांप्लेक्स)3. एडी स्किल डेवलेपमेंट सेंटर (सांई कांप्लेक्स)4. मैथ्स फोर करियर (देवलचौड़)5. स्कोलर कोचिंग इंस्टीट्यूट (महर्षि स्कूल के पास)6. हरक सिंह बिष्ट का कोचिंग सेंटर (बिष्ट कांप्लेक्स, महर्षि स्कूल के पास)सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेयी ने बताया कि दुर्गा सिटी सेंटर में एक कामन सर्विस सेंटर का संचालन वार्ड आठ में अनुमत था, लेकिन यह सेंटर वार्ड सात में स्थित पाया गया, इसलिए इसे निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं।जांच टीम ने पाया कि कई कोचिंग सेंटरों ने बगैर अनुमति के गैलरी और रास्तों पर बोर्ड और होर्डिंग लगाए हुए थे, जो लोगों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न कर रहे थे। सभी अवैध बोर्ड और होर्डिंग जब्त कर लिए गए। इसके अलावा, देवलचौड़ क्षेत्र में एक मुर्गे की दुकान पर पॉलिथीन पाए जाने पर पांच हजार रुपये का चालान भी काटा गया।
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इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने स्पष्ट किया कि औचक निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे और सभी कोचिंग सेंटरों को सुरक्षा मानकों और भवन निर्माण नियमों के अनुपालन पर ही संचालन की अनुमति दी जाएगी।