उत्तराखंड के चमोली जिले के तेलियापाटा गांव में बुधवार को एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। देवाल-खेता सड़क बंद होने के कारण, 44 वर्षीय बख्तावर सिंह को मजबूरन पैदल ही घर लौटना पड़ा। वह देवाल बाजार से अपने घर, तेलियापाटा की ओर जा रहा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।बख्तावर सिंह गांव से कुछ दूरी पर स्थित अपनी गौशाला में रहता था।
घर लौटते समय जब वह तेलियापाटा गांव के पास पहुंचा, तो अचानक पहाड़ी से एक बड़ी चट्टान गिरी। वह बोल्डर की चपेट में आ गया और लगभग 75 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। यह हादसा इतना अचानक और भयावह था कि उसे बचने का कोई मौका नहीं मिला। परिवार वालों ने जब देखा कि बख्तावर घर नहीं पहुंचा, तो उसकी खोजबीन शुरू की गई। कुछ समय बाद, उसका शव खाई में पड़ा मिला, जिससे परिवार और गांव के लोग गहरे सदमे में आ गए। इस दुःखद घटना के बाद, शुक्रवार को ग्रामीणों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया।बख्तावर सिंह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। उनकी 16 वर्षीय बेटी, रिया दानू, कक्षा 12 में पढ़ती है, जबकि 12 वर्षीय बेटा, हर्षित, कक्षा 9 में हल्द्वानी में पढ़ाई कर रहा है। बख्तावर परिवार के लिए अकेले कमाने वाले थे, और उनकी मौत से परिवार पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।ग्राम प्रधान उर्वी दत्त जोशी ने बताया कि मृतक का परिवार अब बेहद कठिनाई में है।
उन्होंने जिलाधिकारी से अपील की है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे इस मुश्किल समय में कुछ राहत पा सकें। इस हादसे ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है, और सभी लोग इस दुखद घटना से स्तब्ध हैं।