उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने एक प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने प्रदेश और देश के गंभीर मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए कई आरोप लगाए। रावत ने 40 जिंदा कारतूसों के साथ पकड़े गए विधायक के भाई से लेकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों तक कई मामलों पर भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।प्रेस वार्ता के दौरान हरीश रावत ने कहा कि भाजपा जब-जब कमजोर होती है, तो मजार-मजार करने लगती है।
उन्होंने भाजपा पर गौ रक्षा के नाम पर राजनीति करने का भी आरोप लगाया और कहा कि देश में गौ मांस के निर्यात में तीन गुना वृद्धि हुई है। रुड़की के मामले का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि न तो पुलिस मांस बरामद कर पाई और न ही कोई अन्य ठोस सबूत। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने ही उस युवक पर हमला किया था।रावत ने राज्य में बढ़ते अपराधों और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार के व्यापारी अपनी सुरक्षा को लेकर धरने पर बैठे हैं और 11 तारीख को वे स्वयं पदयात्रा करेंगे। डकैती और गौकशी के मामलों में भी सत्ता पक्ष पर सवाल खड़े करते हुए रावत ने कहा कि यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।सीमा क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर भी रावत ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बनबसा नेपाल सीमा पर एक विधायक के भाई के 40 जिंदा कारतूसों के साथ पकड़े जाने के मामले को राज्यपाल तक ले जाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि यह साधारण कारतूस नहीं बल्कि विस्फोटक कारतूस हैं, और इस घटना के पीछे भी सत्ता पक्ष के लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है।कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत की टिप्पणी पर जवाब देते हुए हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने हमेशा सामूहिक निर्णयों का समर्थन किया है, जबकि अप्रिय निर्णय उनके व्यक्तिगत रहे हैं।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी भाजपा कमजोर होती है, वह धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दों पर ध्यान भटकाने लगती है।
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