उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज हरिद्वार का दौरा किया। अपने प्रवास के दौरान वे सबसे पहले डाम कोठी पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में निर्वाचित नए मंडल अध्यक्षों से भी संवाद किया और संगठनात्मक विषयों पर चर्चा की।

इस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश निर्माण निगम घोटाले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह संस्था पहले भी अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी रही है। उन्होंने बताया कि जब वे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने इस निगम को ब्लैकलिस्ट कर दिया था ताकि यह राज्य में किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट में शामिल न हो सके।

उत्तर प्रदेश निर्माण निगम पर गंभीर आरोप

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में इस संस्था के खिलाफ कई शिकायतें आई थीं। उन्होंने याद दिलाया कि जब बी.सी. खंडूरी मुख्यमंत्री थे, तब भी इस निगम की कार्यशैली पर सवाल उठे थे। इसके बाद, उनके कार्यकाल में इसे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया।

उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश निर्माण निगम का रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने इसे ब्लैकलिस्ट किया था, ताकि उत्तराखंड सरकार इसके साथ कोई नया अनुबंध न करे। अब जो घोटाले सामने आए हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”

130 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच जारी

उत्तर प्रदेश निर्माण निगम में हुए 130 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर उत्तराखंड में भी जांच तेज हो गई है। इस मामले में देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में छह मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अब इस घोटाले की पूरी जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन सेल (SIC) को सौंप दी गई है, जो पूरे मामले की बारीकी से छानबीन कर रही है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि ऐसी संस्थाओं पर सरकार को कड़ी निगरानी रखनी चाहिए, क्योंकि ये राज्य के संसाधनों को भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोषियों के खिलाफ जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोका जा सके।

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