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देहरादून: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तराखंड, दिल्ली और मुंबई सहित तीन राज्यों में अवंता समूह की 678 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क कर एक बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई उत्तराखंड से जुड़े किसी मामले में अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही है, जिससे राज्य में हड़कंप मच गया है। अवंता समूह के मुखिया गौतम थापर की गिरफ्तारी के बाद से ही ईडी उनके खिलाफ जांच में जुटी हुई थी। थापर पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से लिए गए करोड़ों रुपये के ऋणों का दुरुपयोग कर उसे अन्यत्र डायवर्ट किया। इस वित्तीय अनियमितता के चलते बैंकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसके कारण यह मामला ईडी के रडार पर आया।गौतम थापर की गिरफ्तारी के बाद से ही ईडी लगातार अवंता समूह की गतिविधियों की जांच कर रही थी। कई वर्षों की जांच और कार्रवाई के बाद, अंततः ईडी ने समूह की बड़ी संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। इनमें कई महंगी अचल संपत्तियां, बैंक खाते और निवेश शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 678 करोड़ रुपये आंकी गई है।उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में, इस प्रकरण को ईडी की सबसे बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य में आर्थिक अपराधों के खिलाफ कड़ी चेतावनी मानी जा रही है। इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट हो गया है कि वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त बड़े कारोबारी समूह भी अब कानून के शिकंजे से नहीं बच पाएंगे। इस पूरे मामले ने राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान खींचा है, क्योंकि अवंता समूह का आर्थिक प्रभाव कई राज्यों में फैला हुआ है। अब इस मामले की आगे की जांच और कार्रवाई के लिए संबंधित एजेंसियों और न्यायालयों की निगरानी में रखा जाएगा।

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ईडी की इस कार्रवाई से न केवल अवंता समूह बल्कि अन्य कारोबारी समूहों में भी खलबली मच गई है, जो अब अपने कार्यों की समीक्षा करने और भविष्य में किसी भी वित्तीय अनियमितता से बचने के लिए सावधान हो गए हैं।कुर्क

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