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देहरादून। मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर साइबर ठगों ने देहरादून के एक सेवानिवृत्त शिक्षक को नौ दिन तक मानसिक और डिजिटल तौर पर बंधक बनाकर उनसे 2 करोड़ 27 लाख रुपये की ठगी कर ली। आरोपियों ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताते हुए गिरफ्तारी की धमकी दी, जिससे पीड़ित डर के साये में आ गए। इस गंभीर मामले में पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

20 लाख रुपये के लेन-देन का झांसा

पीड़ित ने बताया कि उन्हें 9 सितंबर को एक फोन कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को मुंबई साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताया। इसके बाद फोन को सब इंस्पेक्टर विनोय कुमार चौबे के पास ट्रांसफर कर दिया गया। वीडियो कॉल के दौरान ठगों ने दावा किया कि पीड़ित के आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हुए एक बैंक खाता खोला गया है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 20 लाख रुपये का लेन-देन हुआ है।

गिरफ्तारी का भय दिखाकर दबाव बनाया

आरोपित ने पीड़ित को यह कहकर डराया कि उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है और उन्हें 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जा सकता है। यह भी कहा गया कि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और अगर उन्होंने किसी से इस घटना का जिक्र किया, तो उन्हें जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। ठगों ने पीड़ित को कहा कि यह मामला उच्च अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा और उन्हें हर तीन घंटे में अपनी उपस्थिति व्हाट्सएप पर दर्ज करनी होगी।

फर्जी कोर्ट दस्तावेजों से डराया

10 सितंबर को आरोपित ने दोबारा फोन कर एक और कथित पुलिस अधिकारी आकाश कुल्हारी से बात करने को कहा। इस बीच, ठगों ने पीड़ित को नोटिस और कोर्ट के दस्तावेज भी भेजे, जो असली जैसे प्रतीत हो रहे थे, जिससे पीड़ित और ज्यादा भयभीत हो गए।

बैंक खातों से करोड़ों की ठगी

ठगों ने धीरे-धीरे पीड़ित से उनके सभी बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ली। 11 से 17 सितंबर के बीच ठगों ने पीड़ित के खातों से कुल 2 करोड़ 27 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने कहा कि यह राशि अवैध लेन-देन की जांच के लिए है और 24 से 48 घंटों के बाद यह वापस कर दी जाएगी। साथ ही, ठगों ने पीड़ित को चेतावनी दी कि अगर जांच में कुछ गलत पाया गया, तो उनके घर की नीलामी कर दी जाएगी।

ठगी का एहसास और पुलिस में शिकायत

जब ठगों ने और धनराशि ट्रांसफर करने की मांग की, तब पीड़ित को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हो रही है। इसके बाद उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच अब साइबर थाना निरीक्षक देवेंद्र सिंह नबियाल को सौंपी गई है, जो आरोपियों की तलाश कर रहे हैं।

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