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देहरादून में मौसम बदलने से सर्दी, जुकाम-बुखार का हमला हुआ तेज,जानिए कैसे करें बचाव

फरवरी का महीना बीतने को है लकिन  उत्तराखंड में अभी तक कड़ाके की ठंड पड़ रही थी. अब धीरे-धीरे मौसम में बदलाव आना शुरू हो गया है. ठंड जा रही है तो गर्मी दस्तक दे रही है. मौसम के करवट लेते ही अब दून मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. सुबह से ही लोग सर्दी, खांसी-जुकाम और बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों ने मरीजों का उपचार करने के बाद ठंड से बचाव के भी उपाय दिए हैं.

मौसम में हो रहे बदलाव का असर लोगों की सेहत पर भी दिखने लगा है. इस कारण दून अस्पताल में खांसी-जुकाम एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. अस्पताल की ओपीडी में इस समय आने वाले मरीजों में आधे से ज्यादा सर्दी-जुकाम और एलर्जी के मरीज पहुंच रहे हैं. ओपीडी में मरीजों की संख्या भी पहले की तुलना में बढ़ गई है. दून अस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर एनएस खत्री ने बताया कि इस बार अस्पताल प्रबंधन ने कोविड-19 की तीसरी लहर में अस्पताल को पूरी तरह से बंद नहीं किया है.

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उन्होंने कहा कि और अस्पताल की टाइमिंग चेंज करके थोड़ा कम कर दिया गया. उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों से सामान्य मरीजों के लिए पूरी ओपीडी खोल दी गई है और ओपीडी में मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है. डॉक्टर खत्री ने बताया कि अस्पताल ओपीडी में प्रतिदिन 1000 से अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल में हर तरह के मरीज अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं. विशेषकर मौसम बदलने से खांसी-जुकाम और एलर्जी की शिकायत लेकर मरीज डॉक्टर के पास अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं.

सुबह की सैर के साथ-साथ योग भी अच्छा व्यायाम होता है. बदलते मौसम में नियमित योग करना चाहिए. मौसम बदलते समय खांसी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. अगर इस दौरान लापरवाही की तो ये बुखार का रूप भी ले सकता है. इससे पीड़ित मरीज को रोजाना भाप लेने के साथ नमक को  गुनगुने पानी में मिलाकर  गरारे करना चाहिए. खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।

बदलता मौसम हमेशा अपने साथ कुछ बीमारियां लेकर आता है. इसका एक कारण ऋतु परिवर्तन होता है तो दूसरा हमारा खानपान भी बड़ा कारण होता है. बदलते मौसम के दौरान अपने शरीर को उसमें ढालने के लिए आसानी से पचने वाले भोजन करने चाहिए. फास्ट फूड से इस दौरान परहेज करना चाहिए. तले-भुने खाने को भी अपने भोजन में जगह नहीं देनी चाहिए. ऋतु परिवर्तन के समय हल्का भोजन करना चाहिए.

मौसम बदलने के दिनों में सबसे अच्छा भोजन मूंग की खिचड़ी है. मूंग सबसे आसानी से पचती है. इसमें फाइबर भी होता है. इसकी तासीर ठंडी होती है. रात को भारी भोजन करने की जगह सब्जियों का गर्मा-गरम सूप पीना चाहिए. दिन में सलाद अच्छा भोजन है. पपीता, सेब, अनार और जो भी मौसमी फल मिलें वो खाएं. दिन में नारियल पानी भी शरीर को शक्ति देता है. दिन में एक या दो बार नींबू की शिकंजी भी पी सकते हैं.

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