उत्तराखंड में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की बाधाएं अब दूर होंगी, क्योंकि सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। यूपीसीएल (उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) द्वारा प्रस्तावित इंफ्रास्ट्रक्चर बजट का आकलन अब एक उच्चस्तरीय समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता सचिव ऊर्जा करेंगे। उरेडा (उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण) इस प्रस्ताव के आधार पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए राज्य योजना के बजट से धनराशि प्रदान करेगा।
इस धनराशि का उपयोग सब स्टेशन, ट्रांसमिशन लाइन, ट्रांसफार्मर आदि आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य यूपीसीएल के इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण अटकी हुई सौर ऊर्जा परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित करना है।उत्तरकाशी जैसे जिलों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लगातार आवेदन आ रहे हैं, लेकिन ग्रिड फुल होने और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण परियोजनाएं लटकी हुई हैं।
इस संबंध में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी ने सचिव ऊर्जा को पत्र भेजकर 59 करोड़ रुपये का बजट मांगा है, ताकि सब स्टेशनों की क्षमता वृद्धि और फीडरों का उच्चीकरण हो सके, जिससे मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना का लाभ युवाओं तक पहुंच सके। इस अधिसूचना को सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने जारी किया है, जिससे प्रदेश में सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की समस्या का समाधान हो सकेगा और नए प्रोजेक्ट्स को तेजी से मंजूरी मिल सकेगी।