कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें अगस्त तक की सैलरी बेस अस्पताल के अधीन कार्य करने पर मिली, लेकिन उसके बाद उनको मेडिकल कॉलेज में समायोजित करने के बाद उन्हें अगस्त माह से तनख्वाह नहीं मिली है. मेडिकल कॉलेज में कक्ष सेवक के रूप में तैनात पूरन सिंह का कहना है कि उन्हें विगत तीन महीने से तनख्वाह नहीं मिली है. जिस कारण उन्होंने आज मेडिकल कॉलेज के अधीन बेस अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिक्षक अजय आर्या का घेराव किया है.
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उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति विगत वर्ष मई माह में हुई थी. उस वक्त कोविड के दौरान उन्होंने जान की परवाह किये बगैर कार्य किया. विगत तीन महीने से उन्हें वेतन नहीं मिलने पर वह आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. जबकि कुछ माह पूर्व ही मेडिकल कॉलेज में आउटसोर्सिंग से नियुक्ति पाए कर्मचारियों को लगातार तनख्वाह मिल रही है.
कर्मचारियों का कहना है कि इस मामले में उन्हें मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की तरफ से तीन दिनों में कार्यवाही का आश्वाशन दिया है. बता दें अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज एक दशक से अधिक समय से निर्माणाधीन है. मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग बनने और कुछ स्टाफ की नियुक्ति के बाद भी अभी तक मेडिकल कॉलेज को एमसीआई की मान्यता नहीं मिली है, जबकि एमसीआई की टीम कई बार इस मेडिकल कॉलेज का दौरा कर चुकी है. बावजूद इसके अभी तक मेडिकल कॉलेज शुरू नहीं हो पाया है.
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