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पश्चिम बंगाल के 10 ट्रैकर का दल रांसी गांव केदारनाथ के लिए रवाना हुआ था, जबकि दो ट्रैकर वहीं फस गए , जिन्हें रेस्क्यू कर लिया गया है.

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रांसी केदारनाथ ट्रैक पर फंसे दो ट्रैकर में से एक की ज्यादा ठंड होने के कारण मौत हो गई। जबकि दुसरे ट्रैकर को घायल अवस्था में रेस्क्यू दल द्वारा केदारनाथ लाकर अस्पताल में भर्ती किया गया है। मृतक ट्रैकर का शव आज मंगलवार को हेलिकॉप्टर से ले जाया जा सकता है।

सोमवार को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के 10 जवान छे पोर्टलों और दो गाइड के साथ केदारनाथ से दोनों ट्रेकर को ढूंढने के लिए निकले। एसडीआरएफ के हेड कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह की देखरेख में रेस्क्यू दल भैरवनाथ मंदिर के दूसरी तरफ पहाड़ी क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए रेस्क्यू दल चट्टानी रास्ते पर और भारी बर्फ़ के बीच से अपराह्न उसके बाद महापंथ क्षेत्र में पहुंचे। यहाँ से कुछ दूर उन्हें एक टेंट लगा हुआ मिला। वहाँ के पर पहुँचकर रेस्क्यू दल ने पाया कि टेंट के अंदर एक ट्रैकर मृतक पड़ा हुआ है, जबकि दूसरा ट्रैकर ठंड और बर्फ़ के कारण बुरी तरह घायल हो रखा है। मृतक टैंकर की शिनाख्त आलोक विश्वास पुत्र बबूल विश्वास निवासी सुगना पश्चिम बंगाल के रूप में हुई है, जबकि घायल विक्रम मजुमदार 38 वर्षीय पुत्र विमान मजुमदार 24 परगना, पश्चिम बंगाल है।

रेस्क्यू द्वारा घायल ट्रैकर को बामुश्किल रात्रि लगभग 10:00 बजे केदारनाथ लाया गया। इधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि रेस्क्यू दल से दोपहर के बाद से संपर्क नहीं हो पाया था। रात्रि 10:00 बजे दल घायल ट्रैकर को लेकर केदारनाथ पहुंचने की सूचना मिल गई। दल ने घायल को अस्पताल में भर्ती करा दिया है। बताया गया की मृतक ट्रैकर का शव मंगलवार को हेलिकॉप्टर से लाया जा सकता है।

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आपको बता दें कि बीते 2 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के 10 ट्रैकर का दल रांसी गांव केदारनाथ के लिए रवाना हुआ था। दल में आठ पुरुष और दो महिलाएं थीं। आठ ट्रेकर उसी देर रात्रि को केदारनाथ पहुँच गए थे, जबकि बचे हुए दो ट्रैकर चलने में असमर्थ होने के कारण, महापंथ के समीप टेंट लगा दिया बताया गया कि बीते शनिवार देर शाम को प्रशासन को इन ट्रैकर की फंसे होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद बीते रविवार को रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया, लेकिन खराब मौसम होने के कारण रेस्क्यू शुरू नहीं हो पाया था।

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