13 मई को ग्राम रूपऊ में हुए एक दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। खजान सिंह, जो कि ग्राम रूपऊ का निवासी है, ने कालसी थाने में तहरीर दी कि उसके पिता असाडू की हत्या कर दी गई है। तहरीर में उसने ग्राम रूपऊ के निवासी पिता-पुत्र, हरिया और दिनेश, पर आरोप लगाया था कि उन्होंने असाडू को पीट-पीट कर मार डाला।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर तुरंत कार्यवाही शुरू की और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में जुट गई। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने जांच के दौरान घटनास्थल से महत्वपूर्ण सबूत जुटाए और ग्राम रूपऊ के निवासियों से पूछताछ की।जांच के दौरान, पुलिस ने 71 वर्षीय हरिया को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद हरिया ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी पत्नी के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में असाडू को देखकर उसके साथ हाथापाई की थी। पूछताछ के दौरान हरिया ने स्वीकार किया कि असाडू उसके घर में घुस आया था और उसकी पत्नी के साथ गलत काम करने की कोशिश कर रहा था।
इसी दौरान हरिया वहाँ पहुँच गया और दोनों के बीच हाथापाई हो गई। हरिया ने डंडे से असाडू के सिर पर वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई।पुलिस ने आरोपित हरिया की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त डंडा भी बरामद कर लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह पुष्टि हुई कि असाडू की मौत सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण हुई थी।खजान सिंह द्वारा दी गई तहरीर और पुलिस द्वारा की गई जांच के आधार पर, यह स्पष्ट हुआ कि घटना के समय हरिया का पुत्र दिनेश घर पर नहीं था।
हरिया ने अपने बयान में बताया कि वह मजदूरी के लिए गया हुआ था और दिनेश भी घर पर नहीं था। इस दौरान असाडू उनके घर में घुस आया और उसकी पत्नी के साथ जबरदस्ती करने लगा। जब हरिया ने यह देखा तो वह गुस्से में आ गया और असाडू के साथ उसकी हाथापाई हो गई। इसी हाथापाई के दौरान हरिया ने असाडू के सिर पर डंडे से वार कर दिया, जिससे असाडू की मौत हो गई।
यह घटना ग्राम रूपऊ में एक बड़ी त्रासदी के रूप में उभरी है। यह न केवल असाडू के परिवार के लिए बल्कि पूरे गाँव के लिए एक झटका है। पुलिस की तेज कार्यवाही और आरोपी की गिरफ्तारी से गाँव में कुछ हद तक शांति आई है, लेकिन इस घटना ने ग्रामीणों के दिलों में एक डरऔर असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।पुलिस की तफ्तीश के दौरान कई तथ्यों का खुलासा हुआ है, जिसने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है।
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हरिया ने यह स्वीकार किया कि उसने असाडू को मारने का इरादा नहीं किया था, बल्कि उसकी पत्नी की रक्षा करने के लिए उसने यह कदम उठाया। हरिया के अनुसार, असाडू की मृत्यु एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी जो हाथापाई के दौरान हुई। इस घटना के प्रकाश में, यह सवाल भी उठता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। हरिया की पत्नी पर हुई इस कथित हमले ने गाँव में महिलाओं की सुरक्षा पर एक गंभीर चर्चा को जन्म दिया है।