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रुद्रपुर में विजिलेंस टीम ने जिला आबकारी अधिकारी अशोक कुमार मिश्रा को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई मंगलवार को पुलिस उपाधीक्षक अनिल मनराल के पर्यवेक्षण में हुई। आरोपी अधिकारी ने मदिरा कारोबारी से 10.21 लाख रुपये के माल के एवज में 10 प्रतिशत की रिश्वत मांगी थी। घटना का विवरणखटीमा के एक देसी मदिरा की दुकान के स्वामी ने अपनी दुकान का नवीनीकरण कराया था और अधिभार जमा कर दिया था। पिछले वर्ष में जमा अधिभार के 10,21,417 रुपये का माल वह नहीं ले पाया था। इस माल को लेने के लिए उसने जिला आबकारी अधिकारी मिश्रा से संपर्क किया। मिश्रा ने अधिभार के 10 प्रतिशत के हिसाब से रिश्वत की मांग की। कारोबारी ने इस मामले की शिकायत विजिलेंस में की। जांच में आरोप सही पाए जाने पर निरीक्षक विनोद कुमार यादव के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया। टीम ने मिश्रा को 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी। विजिलेंस निदेशक की घोषणासतर्कता विभाग के निदेशक डॉ. वी मुरुगेशन ने ट्रैप करने वाली टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चल रहा है और किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा रिश्वत मांगने पर विजिलेंस के टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 या व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।काशीपुर आवास पर छापारिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद विजिलेंस की टीम अब अशोक कुमार मिश्रा की संपत्ति की भी जांच करेगी। इसके लिए एक टीम ने काशीपुर स्थित उनके आवास पर छापा मारा। सीओ अनिल मनराल ने बताया कि उनके घर की तलाशी ली जा रही है और संपत्ति की जांच की जाएगी। यदि रिश्वत से संपत्ति बनाई गई है, तो शासन से अनुमति लेकर उस पर कार्रवाई की जाएगी।इस प्रकार विजिलेंस टीम की सक्रियता से एक और भ्रष्ट अधिकारी को कानून के शिकंजे में लाया गया है, जो समाज में पारदर्शिता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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