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एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) में एक रेजीडेंट डॉक्टर और महिला नर्सिंग अधिकारी के बीच विवाद ने गंभीर मोड़ ले लिया। बताया जा रहा है कि इस विवाद के दौरान रेजीडेंट डॉक्टर ने महिला नर्सिंग अधिकारी को थप्पड़ मारने का प्रयास किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे हड़कंप मच गया है।घटना के विवरण के अनुसार, रुद्रप्रयाग हादसे के घायलों के लिए ट्रॉमा सेंटर की ओटी को खाली कराते समय डॉक्टर और नर्सिंग अधिकारी के बीच कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि बात हाथापाई तक पहुँच गई।

मौके पर मौजूद अन्य स्टाफ ने किसी तरह दोनों को अलग किया।सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं और अन्य स्टाफ ने उन्हें रोक रखा है। एम्स प्रशासन ने घटना की जानकारी मिलते ही त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी रेजीडेंट डॉक्टर को निलंबित कर दिया है। इससे पहले भी, एम्स में एक महिला रेजीडेंट डॉक्टर ने एक पुरुष नर्सिंग अधिकारी पर ओटी में छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिस पर रेजीडेंट डॉक्टरों ने तीन दिन तक कार्य बहिष्कार किया था। यह घटना अभी एक माह पुरानी भी नहीं हुई थी कि फिर से रेजीडेंट डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ में टकराव हो गया।एम्स प्रशासन ने घटना पर कहा है कि थप्पड़ मारने का प्रयास करना गलत है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एम्स ने पूर्व में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कार्यस्थल पर एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनाने की बात कही थी, लेकिन इसके लागू होने से पहले ही यह घटना हो गई।काम के दबाव और तनाव को इस टकराव का मुख्य कारण माना जा रहा है। एम्स में उत्तराखंड और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में मरीज आते हैं, जिससे डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ पर भारी काम का दबाव होता है। यह दबाव अक्सर कर्मचारियों में तनाव और टकराव का कारण बनता है।एम्स प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्यस्थल पर बेहतर माहौल सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है।

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