धारचूला: बुधवार को हुई भारी बारिश से एलधारा चट्टान का मलबा मल्ली बाजार में भर गया, जिससे सड़कें और नालियां मलबे से पट गईं। कीचड़ और मलबे के कारण व्यापारियों को अपनी दुकानें बंद करनी पड़ीं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।दो साल पहले भी एलधारा चट्टान दरक गई थी, जिसके चलते आधा दर्जन मकान ध्वस्त हो गए थे और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। उस समय सरकार ने सुरक्षात्मक कार्य के लिए सिंचाई विभाग को 20 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की थी, लेकिन अब तक प्रबंध अधूरे हैं। प्री-मानसून की बारिश ने एक बार फिर स्थानीय निवासियों के बीच डर का माहौल पैदा कर दिया है।मल्ली बाजार के निवासी ओम प्रकाश वर्मा, बृजेश कुंवर, रमेश कुटियाल, इंद्रदेव बहुगुणा, सुशील अग्रवाल, नदीम परवेज, रफीक अहमद, और गिरीश राठौर ने बताया कि उन्हें फिर से अपने घर छोड़ने का डर सता रहा है। इन निवासियों ने बताया कि एलधार से पानी निकासी के लिए नालियों का निर्माण नहीं हुआ है, जो अब तक नहीं किया जा सका है।उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष भूपेंद्र थापा ने कहा कि यदि जल्द सुरक्षात्मक कार्य नहीं किए गए तो वे सिंचाई विभाग कार्यालय में तालाबंदी करेंगे। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता प्रमोद मिश्रा ने बताया कि मल्ली बाजार में मलबा आने की शिकायत मिली है और स्थल का निरीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि समस्या का जल्द समाधान किया जाएगा। धारचूला नगर के समीप नेशनल हाईवे से लगी एलधार चट्टान दो वर्ष पूर्व भी दरक गई थी, जिससे भारी क्षति हुई थी। अब फिर से बारिश के कारण उसी चट्टान का मलबा बाजार में भर गया है, जिससे लोग चिंतित हैं और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं।
यह भी पढें- Uttarakhand: नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप: भाजपा ने आदित्य राज सैनी को पार्टी से निष्कासित किया