केंद्र में नई सरकार के गठन के बाद उत्तराखंड को विभिन्न मदों में 1900 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार ने हाल ही में बाजार से 500 करोड़ रुपये का ऋण भी लिया है।
विकास कार्यों पर चुनावी आचार संहिता का प्रभाव
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले सवा दो माह से अधिक समय तक विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही समाप्त होने को है और अब प्रदेश सरकार बजट खर्च बढ़ाकर विकास कार्यों की गति तेज करने की तैयारी कर रही है। चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही, यानी 30 सितंबर तक 6500 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है।
मानसून और विकास कार्यों पर प्रभाव
उत्तराखंड में मानसून का मौसम अक्सर मुसीबत का कारण बनता है। बारिश के कारण विशेष रूप से निर्माण कार्य प्रभावित होते हैं, जिससे बजट खर्च करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार ने विभागीय योजनाओं और कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृति पर विशेष जोर दिया है
केंद्रीय अनुदान और ऋण की स्थिति
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होने के बाद, प्रदेश को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में जून माह के साथ एक अतिरिक्त किस्त के रूप में 1562.44 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही, 15वें वित्त आयोग की संस्तुति के आधार पर राजस्व घाटा अनुदान की जून माह की किस्त के 409 करोड़ रुपये भी प्रदेश को मिले हैं।
प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, पेंशन के भुगतान के साथ ही विकास कार्यों के लिए 500 करोड़ रुपये का ऋण बाजार से लिया है। इससे पहले भी 900 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 1400 करोड़ रुपये का ऋण सरकार ले चुकी है और इसे कम अवधि में वापस भी किया जा रहा है, जिससे वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में मदद मिल रही है।
आगामी विकास कार्यों की योजना
वित्त अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बताया कि आगामी चार माह में विकास योजनाओं के लिए बजट की स्वीकृति और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के परीक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा। इससे बरसात के बाद विकास कार्यों की गति तेज करने में सहायता मिलेगी।
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