उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने मानसून सीजन में आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए। इस बैठक में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय और वर्चुअल माध्यम से जुड़े कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत भी शामिल हुए।मुख्यमंत्री ने गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में बारिश और सड़कों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने दोनों आयुक्तों को अपने-अपने मंडलों में सड़कों, पेयजल, विद्युत, और नालों की सफाई जैसी व्यवस्थाओं की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। साथ ही, जिलाधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाकर सभी व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने की हिदायत दी।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वर्षाकाल के दृष्टिगत पर्वतीय जनपदों में सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे खाद्यान्न, दवाइयां, एवं अन्य राहत सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिए। सड़कों, पेयजल और विद्युत लाइनों में किसी भी प्रकार की बाधा आने पर उन्हें जल्द से जल्द ठीक किया जाए। मौसम विभाग की चेतावनी और स्थानीय मौसम संबंधी गतिविधियों के आधार पर ही स्कूलों को खोलने और बंद करने का निर्णय लिया जाए। जर्जर पुलों की स्थिति का भी आंकलन किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि गांवों में लोगों की आवाजाही प्रभावित न हो। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को मानसून सीजन में सभी प्रकार की आपदाओं के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शासन के वरिष्ठ अधिकारी जिलाधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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