अपराधियों के लिये अपराध कर दून पुलिस की गिरफ्त से बचना अब नामुमकिन हो गया है। डोईवाला क्षेत्र में हुई हत्या की घटना को महज 12 घंटों के अंदर सुलझा कर दून पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे अपराधियों को जल्द से जल्द कानून के कटघरे में खड़ा करने के लिए तत्पर हैं।
डोईवाला की कोतवाली में दर्ज इस मामले में हत्या की साजिश की गहरी परतें खुली हैं। इस कांड में मुख्य षड्यंत्रकारी कोई और नहीं बल्कि मृतका की अपनी बहू निकली। घटना के प्रकाश में आने के बाद, दून पुलिस ने मामले की तह तक जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और तीन आरोपियों सहित मुख्य षड्यंत्रकारी बहू को गिरफ्तार कर लिया।
दिनांक 05 जून 2024 को वादी श्री जगदेव सिंह ने कोतवाली डोईवाला में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी माता श्रीमती कुलदीप कौर की गला घोंटकर हत्या कर दी गई है। इस मामले में अभियुक्तों के रूप में दुकान में काम करने वाला आवेश अंसारी उर्फ छोटू और दो अन्य अज्ञात व्यक्तियों का नाम सामने आया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने तत्काल पुलिस टीम गठित कर जांच के आदेश दिए। पुलिस टीम ने सक्रियता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू की और स्थानीय मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर संभावित स्थानों पर दबिश दी। पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई और 05 जून 2024 को अभियुक्तों को हरिद्वार के बसेड़ी बस अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि मृतका की बहू ज्योति उर्फ डिम्पी ने ही अपनी सास की हत्या की साजिश रची थी। ज्योति ने आवेश अंसारी को एक लाख रुपये की सुपारी दी थी। आवेश ने अपने गाँव के दो साथी सोनू और राहुल को दस-दस हजार रुपये देने का वादा कर हत्या की योजना बनाई।
घटना वाले दिन, 04 जून 2024 को, आवेश अपने साथियों सोनू और राहुल के साथ जगदेव सिंह के घर पहुंचा। ज्योति उर्फ डिम्पी ने इन लोगों का सहयोग किया और आँगन में सो रही कुलदीप कौर की तकिया से मुंह दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद अभियुक्त मौके से फरार हो गए।
पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल को सीज किया। गिरफ्तार अभियुक्तों में आवेश अंसारी उर्फ छोटू (20 वर्ष), सोनू (18 वर्ष), राहुल (18 वर्ष) और ज्योति उर्फ डिम्पी (24 वर्ष) शामिल हैं।
इस मामले के खुलासे में पुलिस टीम की सक्रियता और तत्परता काबिले तारीफ है। टीम में शामिल प्रभारी निरीक्षक डोईवाला विनोद सिंह गुसाई, व0उ0नि0 दीपक सिंह रावत, उ0नि0 देवेश खुगसाल, हे0का0 देवेन्द्र नेगी, हे0का0 प्रवीण सिन्धु, कानि0 हँसराज सिंह और कानि0 धर्मेन्द्र नेगी ने पूरी निष्ठा और साहस के साथ कार्य किया।
इस घटना का खुलासा न केवल दून पुलिस की दक्षता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि अपराधी चाहे कितनी भी चालाकी से अपराध करें, कानून की नजर से बच नहीं सकते। दून पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से न केवल मृतका के परिवार को न्याय मिला है, बल्कि समाज में भी एक मजबूत संदेश गया है कि कानून का पालन और न्याय की रक्षा करना पुलिस का परम कर्तव्य है।