देहरादून, 23 जून: कैंट रोड और खलंगा में हरे पेड़ों के कटान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद पर्यावरण प्रेमियों की चिंता कम नहीं हुई है। देहरादून में विकास के नाम पर हरे-भरे पेड़ों की बलि चढ़ने से रोकने के संकल्प के साथ आज दिलाराम बाजार से सेंट्रियो मॉल तक ‘पर्यावरण बचाओ’ पदयात्रा का आयोजन किया गया।पदयात्रा में कई संगठनों के पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि हरियाली को हो रहे नुकसान के कारण देहरादून का तापमान लगातार बढ़ रहा है। बाग-बगीचे खत्म हो गए हैं और जलस्रोत सूखते जा रहे हैं। नदी-नालों पर अतिक्रमण और सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की कटाई को लेकर भी चिंता जताई गई। पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने कहा कि अगर इसी तरह पेड़ों को काटा जाता रहा तो 2047 में विकसित भारत बनने का सपना तो छोड़िए, 2037 तक ये दून घाटी हरियाली विहीन हो जाएगी। एक्टिविस्ट हिमांशु अरोड़ा ने कहा कि जंगलों को काटकर कंक्रीट के जंगल बनाए जा रहे हैं, जिससे देहरादून का तापमान 50 डिग्री तक भी जा सकता है। इरा चौहान ने कहा कि बढ़ते तापमान को रोकने के लिए नए पौधे लगाने और पुराने पेड़ों की रक्षा करनी होगी।
इसी संकल्प के साथ यह पदयात्रा निकाली गई।उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फिर दोहराया कि न्यू कैंट रोड का चौड़ीकरण होगा लेकिन बिना पेड़ काटे।
उन्होंने कहा कि जितना जरूरी होगा उतना ही सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा, पर पेड़ों की कटाई नहीं होगी।पर्यावरण प्रेमियों ने दिलाराम बाजार से सेंट्रियो मॉल तक निकाली ‘पर्यावरण बचाओ’ पदयात्रा।हरियाली को नुकसान से देहरादून का तापमान बढ़ने और जलस्रोतों के सूखने की चिंता।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने न्यू कैंट रोड के चौड़ीकरण में पेड़ों को न काटने का आश्वासन दिया।