कोरोनाकाल के बाद पहली बार बाबा केदारनाथ धाम में बाल भोग और शृंगार दर्शन के समय में महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। यह निर्णय बाबा के भक्तों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे अधिकाधिक श्रद्धालु भगवान केदारनाथ के दर्शन कर सकें और धाम में भीड़ प्रबंधन बेहतर ढंग से हो सके।
कोरोनाकाल के बाद जब तीर्थयात्रा पुनः शुरू हुई, तब से केदारनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। 10 मई से शुरू हुई इस यात्रा में अब तक 6.27 लाख श्रद्धालु केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। यात्रा के शुरुआती 10 दिनों में ही प्रतिदिन लगभग 40 हजार भक्त दर्शन कर रहे थे, जो अब लगभग 20 हजार प्रतिदिन पर स्थिर हो गई है। इस विशाल संख्या को सुव्यवस्थित करने और अधिक श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर देने के लिए बीकेटीसी (बदरी-केदार मंदिर समिति) ने बाल भोग और शृंगार दर्शन के समय में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
बीते 1 जून से, बाबा केदारनाथ को बाल भोग अब दोपहर 12 बजे लगाया जा रहा है। इस समय मंदिर के कपाट बंद किए जाते हैं और गर्भगृह की साफ-सफाई और अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया जाता है। इसके बाद एक घंटे बाद, दोपहर 1 बजे से श्रद्धालुओं को बाबा के शृंगार दर्शन का अवसर मिलता है। यह समय-सारणी पूर्व की तुलना में बहुत ही अनुकूल है, क्योंकि पहले बाल भोग दोपहर 2 बजे के बाद लगाया जाता था और शृंगार दर्शन शाम 5 बजे से शुरू होते थे।
इस नई व्यवस्था से जहां अधिक श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर पा रहे हैं, वहीं भीड़ प्रबंधन में भी काफी मदद मिल रही है। भक्तों के लिए यह व्यवस्था बहुत ही सुविधाजनक साबित हो रही है। शाम 7 बजे की सांयकालीन आरती के बाद भी रात 10.30 बजे तक श्रद्धालु शृंगार दर्शन कर सकते हैं। इसके पश्चात रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक भगवान केदारनाथ की विशेष पूजाएं होती हैं। सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक भक्तों को धर्म दर्शन का अवसर मिलता है।
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की संख्या अब तक 36.44 लाख पहुंच गई है, जिसमें से 11.81 लाख पंजीकरण अकेले केदारनाथ यात्रा के लिए हुए हैं। पिछले वर्ष केदारनाथ धाम में पूरी यात्रा काल में 19.61 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे, जो इस वर्ष की बढ़ती संख्या की तुलना में काफी कम है। इस बार अधिकाधिक श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए किए गए समय-सारणी परिवर्तन ने भक्तों को बिना किसी बाधा के दर्शन करने का अवसर प्रदान किया है।
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बाबा केदारनाथ के बाल भोग और शृंगार दर्शन के समय में किए गए परिवर्तन से न केवल भक्तों की सुविधा में वृद्धि हुई है, बल्कि धाम में भीड़ प्रबंधन भी सुचारू रूप से हो रहा है। यह परिवर्तन एक स्वागत योग्य कदम साबित हो रहा है और इससे भगवान केदारनाथ के प्रति भक्तों की आस्था और भी मजबूत हो रही है। बीकेटीसी का यह निर्णय निश्चित रूप से भक्तों के लिए एक बड़ा उपकार साबित हुआ है, जिससे वे भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए अधिक समय और सुविधा प्राप्त कर पा रहे हैं।
इस नई व्यवस्था के चलते श्रद्धालुओं का अनुभव और भी दिव्य और सुखद हो गया है। अब बाबा के भक्त बिना किसी अव्यवस्था के भगवान केदारनाथ के दर्शन कर पा रहे हैं, जो उनकी आस्था और भक्ति को और भी प्रबल बना रहा है।